अतिरिक्त लोक अभियोजक कैलाश विश्वकर्मा ने बताया कि 16 वर्षीय पीडि़ता ने 4 जून 2020 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें उसने बताया था कि घटना तिथि 24 मई 2020 की रात 8 बजे घर में सो रही थी। उसी समय आरोपी गंभीर सिंह और महेश सिंह ने दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खोलने पर दोनों आरोपी पकड़े और जबरन बाइक में बैठाने लगे।
जब वह शोर मचाने लगी तो आरोपी महेश सिंह ने मुंह में कपड़ा ठंूस दिया। फिर दोनों बाइक में बैठाकर दूसरे गांव ले जाकर घर में बंद कर दिया। यहां आरोपी गंभीर सिंह चला गया और महेश सिंह ने उससे बलात्कार किया। साथ ही आरोपी ने १० दिन तक अपने घर में बंद कर रखा था।
जब पीडि़ता अपने घर जाने को बोलती थी तो आरोपी जान से मारने की धमकी देकर हाथ-मुक्का से मारपीट करता था। मामले में पुलिस ने आरोपी गंभीर सिंह और महेश सिंह के खिलाफ धारा 344, 366-क, 376, 323, 34 और धारा 4,6 पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विशेष न्यायालय चिरमिरी ने प्रकरण की सुनवाई कर आरोपी महेश सिंह(29) को धारा 366-क में पांच साल सश्रम, धारा 3/4(2) संरक्षण अधिनियम 2012 में 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
सह आरोपी को 3 साल सश्रम करावास की मिली सजा
विशेष न्यायालय ने नाबालिग का अपहरण करने में आरोपी का साथ देने वाले सह आरोपी को 3 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। सह आरोपी गंभीर सिंह (31) को धारा 363 में तीन साल सश्रम कारावास से दंडित किया गया है।