नीलिमा चतुर्वेदी वनाचंल विकासखण्ड भरतपुर के जनकपुर आंगनबाड़ी केंद्र में 1991 से कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत हैं। 11 जुलाई 1991 में पहला महिला स्व सहायता समूह बनाकर बड़ी मुश्किल से 10 स्थानीय महिलाओं को उन्होंने जोड़ा। फिर आदिवासी बाहुल्य जनकपुर अंचल में गांव-गांव घूमकर 15 साल तक 15 हजार समूह गठित कर डेढ़ लाख महिलाओं को जोड़ा।
1 करोड़ पहुंचा सालाना टर्नओवर
गृह उद्योग का सालाना टर्नओवर 1 करोड़ पहुंच चुका है। साथ ही देशभर के अलग-अलग स्थान पर सरस मेला में खाद्य सामग्री की प्रदर्शनी लगाती हैं। फिलहाल कोरिया उद्योग से चार समिति जुड़ी हैं।
ये पुरस्कार मिले
-सरगुजा श्रमश्री पुरस्कार 2006
-बिहान पुरस्कार 2012
-मिनीमाता पुरस्कार 201२
-महिला सशक्तिकरण पुरस्कार 2015
-महिला उद्यमिता पुरस्कार 2016
-वुमेन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया पुरस्कार 2019
-वीरांगना पुरस्कार 2021
वनांचल में 250 किराना दुकानें संचालित
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलिमा ने बताया कि ब्लॉक स्तर पर प्रोडक्शन यूनिट शुरू की गई। कोरिया महिला गृह उद्योग से पापड़, मसाले, बडिय़ां, अचार, पोहा बनाया जाता है। उत्पादों की बिक्री करने के लिए करीब 250 किराना दुकानें खोली गईं हैं। दुकानों को स्व सहायता समूह की महिलाएं ही चलाती हैं।