scriptआंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलिमा बनीं प्रदेश की दूसरी फूलबासन, मिल चुके हैं 8 राज्य व राष्ट्रीय सम्मान | Phoolbasan Bai: Neelima become 2nd Phoolbasan Bai, got 8 award | Patrika News
कोरीया

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलिमा बनीं प्रदेश की दूसरी फूलबासन, मिल चुके हैं 8 राज्य व राष्ट्रीय सम्मान

Phoolbasan Bai: नीलिमा ने 1200 महिला समूह (Women group) गठित कर 15 हजार आदिवासी महिलाओं को जोड़ा, कोरिया महिला गृह उद्योग से हो रहा है 1 करोड़ का सालाना टर्न ओवर (Turn Over)

कोरीयाSep 11, 2021 / 10:09 pm

rampravesh vishwakarma

Neelima Chaturvedi become a 2nd phoolbasan

Neelima Chaturvedi

बैकुंठपुर. कोरिया की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलिमा चतुर्वेदी 1200 महिला समूह गठित कर 15 हजार आदिवासी महिलाओं को जोड़कर पिछले 22 साल से महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रही हैं। उनको राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर 8 पुरस्कार मिल चुके हैं। ऐसे में नीलिमा छत्तीसगढ़ प्रदेश की दूसरी फूलबासन बनकर उभरी हैं।

नीलिमा चतुर्वेदी वनाचंल विकासखण्ड भरतपुर के जनकपुर आंगनबाड़ी केंद्र में 1991 से कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत हैं। 11 जुलाई 1991 में पहला महिला स्व सहायता समूह बनाकर बड़ी मुश्किल से 10 स्थानीय महिलाओं को उन्होंने जोड़ा। फिर आदिवासी बाहुल्य जनकपुर अंचल में गांव-गांव घूमकर 15 साल तक 15 हजार समूह गठित कर डेढ़ लाख महिलाओं को जोड़ा।
हालांकि राज्य सरकार की बिहान योजना लांच होने के बाद 14 हजार समूह अलग काम करने लगी हैं। वर्तमान में नीलिमा के समूह से 1200 महिला समूह जुड़े हैं।

इसमें करीब 15 हजार महिलाएं कार्यरत हैं। वहीं 15 अगस्त 2011 को उन्होंने कोरिया महिला गृह उद्योग की नींव रखी, जिसका लक्ष्य है संगठन से स्वाबलंबन की ओर। इसमें वे दो दर्जन से अधिक घरेलू खाद्य सामग्री बनाती हैं।

1 करोड़ पहुंचा सालाना टर्नओवर
गृह उद्योग का सालाना टर्नओवर 1 करोड़ पहुंच चुका है। साथ ही देशभर के अलग-अलग स्थान पर सरस मेला में खाद्य सामग्री की प्रदर्शनी लगाती हैं। फिलहाल कोरिया उद्योग से चार समिति जुड़ी हैं।
Neelima Chaturvedi
IMAGE CREDIT: Women self help group
गौरतलब है कि राजनांदगांव की फूलबासन बाई यादव करीब 2 लाख महिलाओं को जोड़कर सशक्तिकरण को लेकर बेहतर कार्य कर रहीं हैं। उसी तर्ज पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलिमा वनांचल में आदिवासी महिलाओं को जोड़कर कार्य कर रही हैं।

ये पुरस्कार मिले
-सरगुजा श्रमश्री पुरस्कार 2006
-बिहान पुरस्कार 2012
-मिनीमाता पुरस्कार 201२
-महिला सशक्तिकरण पुरस्कार 2015
-महिला उद्यमिता पुरस्कार 2016
-वुमेन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया पुरस्कार 2019
-वीरांगना पुरस्कार 2021


वनांचल में 250 किराना दुकानें संचालित
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलिमा ने बताया कि ब्लॉक स्तर पर प्रोडक्शन यूनिट शुरू की गई। कोरिया महिला गृह उद्योग से पापड़, मसाले, बडिय़ां, अचार, पोहा बनाया जाता है। उत्पादों की बिक्री करने के लिए करीब 250 किराना दुकानें खोली गईं हैं। दुकानों को स्व सहायता समूह की महिलाएं ही चलाती हैं।
महिला समूह ने मुंबई से प्रशिक्षण लेकर 18 हजार सोलर लैंप बनाए थे। साथ ही प्राथमिक-मिडिल स्कूलों में मिड डे मील का काम करती हैं और आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट की आपूर्ति करती हैं।
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