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रिटायर्ड अपर कलक्टर को जेल से रिहा करने एसडीएम-डिप्टी कलक्टरों समेत 24 प्रशासनिक अधिकारी आए सामने, कही ये बातें

locationकोरीयाPublished: Jan 09, 2021 09:09:01 pm

Upper Collector: जमीन फर्जीवाड़ा मामले में जेल में बंद (Jailed) रिटायर्ड अपर कलक्टर के समर्थन में खड़े हुए प्रशासनिक अधिकारी (Administrative officers), पुलिस विवेचना अधिकारी पर कार्रवाई की मांग

रिटायर्ड अपर कलक्टर को जेल से रिहा करने एसडीएम-डिप्टी कलक्टरों समेत 24 प्रशासनिक अधिकारी आए सामने, कही ये बातें

Administrative officers

बैकुंठपुर. आदिवासी महिला की जमीन फर्जीवाड़े (Land fraud) में जेल में निरुद्ध रिटायर्ड अपर कलक्टर के समर्थन में कोरिया के 24 प्रशासनिक अफसर (Administration officers) समर्थन में खड़े हो गए हैं। मामले में मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपकर आरोपी रिटायर्ड अपर कलक्टर (Upper collector) को तत्काल रिहा करने तथा पुलिस विवेचना अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग रखी है।

छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी संघ शाखा कोरिया के बैनर तले अपर कलक्टर एसएन अहिरवार के नेतृत्व में मुख्य सचिव के नाम कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है। इसमें बताया कि प्रार्थी के आवेदन पर तत्कालीन अपर कलक्टर एडमंड लकड़ा को 6 जनवरी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध किया गया है।
आजाक थाना बैकुंठपुर में धारा 294, 506, 420, 467, 468, 471, 374 व 3(1)(द)(घ), ३(१) अजा-अजजा, अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत पंजीबद्ध किया गया है। भूमि विक्रय प्रकरण की अनुमति को धारा 32 छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत निरस्त किया गया था।
न्यायाधीश (संरक्षण) अधिनियम 1985 की धारा 2(1) के तहत न्यायालयीन कार्यवाही करने वाले अधिकारी न्यायाधीश के अंतर्गत आते हैं। न्यायालयीन कार्यवाही करने वाले अधिकारी को उक्त अधिनियम की धारा 3 के प्रावधान अन्तर्गत संरक्षण प्राप्त है। कोरिया पुलिस के जांच अधिकारी ने वर्ष 2016 में पुलिस महानिदेशक (DGP) की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया है।
विवेचना अधिकारी द्वारा विधिक प्रावधानों को पूर्णत: नजरंदाज कर विधि विरूद्ध एडमंड लकडा को न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध कराने की कार्यवाही की गई है। विधि विरूद्ध कार्यवाही होने से राजस्व अधिकारियों का मनोबल कमजोर हुआ है और राजस्व प्रकरणों में आदेश पारित करने में भयभीत हैं।
ऐसे परिवेश में कार्य संपादन में कठिनाई होगी। इस दौरान एसडीएम आरपी चौहान, एसएस दुबे, नयनतारा सिंह तोमर, प्रशांत कुशवाहा, डिप्टी कलक्टर अरुण सोनकर, ज्ञानेंद्र सिंह ठाकुर, एएस पैकरा, तहसीलदार ऋचा सिंह, सुधीर खलखो, अशोक सिंह, अंकिता पटेल, बजरंग साहू, भीष्म पटेल, उत्तम रजक, बीडी कुशवाहा, राम मिलन शर्मा सहित अन्य मौजूद थे।

प्रशासनिक अधिकारी संघ की मांगें
1. सेवानिवृत्त अपर कलक्टर एडमंड लकड़ा को तत्काल न्यायिक अभिरक्षा से मुक्त किया जाए।
2. दोषपूर्ण विवेचना करने वाले पुलिस अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाए।
3. पुलिस विभाग को ऐसे मामलों में प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने निर्देश प्रसारित किया जाए। जिससे बिना वजह न्यायालयीन कार्यवाही के के लिए उत्पीडऩ का शिकार नही होना पड़ेगा।

यह है मामला
प्रार्थी संतकुमार चेरवा पिता रामसाय ने 18 सितंबर 2020 को आरोपी बिल्डर संजय अग्रवाल पिता महंगीलाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें बताया था कि आरोपी से कुछ उधार लिया था। बदले में आरोपी ने जबरन झूठे प्रकरण में गवाही के रूप में हस्ताक्षर के लिए बाध्य करने, हस्ताक्षर नहीं करने पर जातिगत गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी देने की बात कही है।
साथ ही फर्जी मुख्तरनामा तैयार कर छलपूर्वक जमीन की बिक्री कर दी है। पुलिस की विवेचना में यह पाया गया कि आरोपी संजय अग्रवाल द्वारा ग्राम रामपुर स्थित बुजुर्ग महिला शाति बाई पति शिवनारायण के स्वामित्व की भूमि खसरा नंबर 107/1 को अनुसूचित क्षेत्र के लिए भू राजस्व संहिता के उपबंधो के विरुद्ध कार्य कर अपने वाहन चालक राजेश सिंह पिता शंभू सिंह रजिस्ट्री कराई, जिसमें तत्कालीन अपर कलक्टर एडमण्ड लकड़ा ने भू राजस्व संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन कर रजिस्ट्री कराने की अनुमति दी थी।
फिर उसी भूमि की रजिस्ट्री निरस्त किए बिना ही शांति बाई को रजिस्ट्री फेल होने के कारण दोबारा रजिस्ट्री की जरूरत बताई गई। आरोपी संजय अग्रवाल ने दोबारा अपने कर्मचारी अरविंद सिंह के नाम रजिस्ट्री करा ली। मामले में आरोपी बिल्डर संजय अग्रवाल व रिटायर्ड अपर कलक्टर एडमंड लकड़ा जेल में निरुद्ध हैं।
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