इन दिनों गर्मी के तीखे तेवर बने हुए हैं। स्कूलों का समय सुबह से दोपहर दो बजकर दस मिनट तक है। भरी दुपहरी में 44 से 45 डिग्री तापमान में कूलर व एसी भी राहत नहीं दे पा रहे। एेसे में स्कूलों में बिना पंखों के बच्चों का बैठना और छुट्टी के बाद घर जाना मुश्किल हो रहा है। कोटा में 791 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में से 501 में बिजली नहीं है। बिजली कनेक्शन के अभाव में भीषण गर्मी में बच्चों को परेशानी उठानी पड़ रही है। शिक्षक भी इस स्थिति में बच्चों को कक्षों की बजाय बरामदों में खुले में बैठा रहे हैं।
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#प्यासा_अस्पतालः खबर का असर, प्राचार्य ने देखे इंतजाम माथे पर पसीना, हाथ में किताब तेज गर्मी का असर सुबह 9 बजे से ही शुरू हो जाता है। स्कूलों में बच्चे कक्षा-कक्षों में कैसे पढ़ रहे होंगे, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। उनके एक हाथ में किताब तो दूसरे हाथ में रूमाल होता है। स्कूलों में ये भी समस्या सरकारी स्कूलों में बिजली कनेक्शन व्यावसायिक श्रेणी का होता है। सरकारी स्कूलों में बिजली कनेक्शन के संबंध में आने वाली अड़चनों में प्रमुख डिमांड नोटिस की राशि अधिक होना है। स्कूलों का बजट कम होने से इस राशि का बंदोबस्त करना मुश्किल है। इसके चलते स्कूलों में कनेक्शन नहीं हो पाते। वहीं बिना बजट सभी कक्षों में पंखों की व्यवस्था करना भी स्कूल प्रबंधन के बूते से बाहर है।
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#प्यासा_अस्पताल: डॉक्टरों को भी खरीदना पड़ता है पानी भामाशाह करें सहयोग अधिकारियों की मानें तो स्कूलों में इसके लिए अलग से बजट की व्यवस्था नहीं होना सबसे बड़ी समस्या है। बिजली कनेक्शन लेकर पंखों की व्यवस्था भी कर लें तो मासिक बिल जमा कराने का पैसा भी नहीं है। कई स्कूलों में आसपास के मकानों से कनेक्शन ले रखा है। गांव के भामाशाह आगे आकर सहयोग करें तो इसका स्थाई समाधान हो सकता है। यह भी पढ़ें
Video: नहीं बिकेगा कोटा थर्मल, इकाइयां भी नहीं होंगी बंद जिले के 501 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है। महज 44 स्कूलों में विद्युतीकरण के लिए राशि जारी हुई है। इनमें उत्कृष्ठ विद्यालयों को शामिल किया है। जिन स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है, वह भामाशाहों से सहयोग ले सकते हैं। जगदीश कुमार, एडीपीसी, सर्व शिक्षा अभियान