चौंकाने वाला खुलासा: राजस्थान के आधे एमबीए कॉलेज ‘सी’ ग्रेड, ग्रेडिंग से इन कॉलेजों की पढ़ाई पर उठे सवाल
ऐसे हुआ मूल्यांकन
मूल्यांकन में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिएशन से पाठ्यक्रम की मान्यता के 160 अंक रखे गए। फेकल्टी स्टूडेंट रेशियो, बिना बैक के पास होने वाले छात्रों की संख्या और इंटरनेशनल वर्कशॉप, कांफ्रेंस और सेमिनार के 100-100 अंक, प्रोफेसर-एसोसिएट प्रोफेसर, कंप्यूटर, छात्र पंजीकरण, शिक्षकों के पेस्केल, पीएफ, शोधपत्र प्रकाशन, प्लेसमेंट, छात्रों को मिले पैकेज, नेशनल कांफ्रेंस, सेमिनार, वर्कशॉप, इनंटरनेट और अन्य सुविधाओं के 540 अंक थे।
यदि आप एमबीए स्टूडेंट हैं तो जान लीजिए आपके कॉलेज की पढ़ाई किस ग्रेड की है
1 कॉलेज ‘ए’ ग्रेड
18 मानकों पर आधारित क्यूआईवी ग्रेडिंग के 1000 अंक निर्धारित थे। इसमें 600 से ज्यादा अंक हासिल करने वाले कॉलेजों को ए ग्रेड दी जानी थी। इकलौता जयपुर का ‘इंटरनेशनल स्कूल ऑफ इन्फॉर्मेटिक्स एंड मैनेजमेंटÓ 611 अंक के साथ ‘एÓ ग्रेड हासिल कर पाया।
मूल्यांकन में नौ कॉलेजों को ही ‘बीÓ ग्रेड मिली। 522 अंक हासिल कर जयपुर का राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग इस श्रेणी में पहले स्थान पर रहा। 513 अंक के साथ कोटा का मोदी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्रोलॉजी और 480 अंकों के साथ सीकर का शेखावटी इंस्टीट्यूट ऑफ ऑफ टेक्नोलॉजी तीसरे स्थान पर रहा।
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सारे सरकारी ‘सी’ ग्रेड
69 फीसदी कॉलेज 400 क्यूआईवी भी हासिल नहीं कर सके। इन 23 ‘सीÓ ग्रेड कॉलेजों में प्राइवेट एमसीए कॉलेजों के साथ-साथ तीनों सरकारी कॉलेज भी शामिल हैं। गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज अजमेर 180, गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर 299 और राजकीय महिला इंजीनियरिंग कॉलेज अजमेर 281 अंक हासिल कर सका। बड़ी बात यह कि ‘सी’ ग्रेड कॉलेजों में प्रशिक्षित शिक्षक तो दूर, छात्रों के लिए पर्याप्त कंप्यूटर तक मौजूद नहीं मिले।
कुल मानक- 18
कुल अंक- 1000
‘ए’ ग्रेड- 600 से ज्यादा
‘बी’ ग्रेड- 400-599
सी ग्रेड- 400 से
कम अंक