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दिल्ली में आतिशबाजी पर लगे प्रतिबंध का कोटा तक दिखा असर, दिवाली पर घट गया वायु प्रदूषण

दिल्ली में आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगने का असर कोटा तक असर दिखाई दिया। इस बार दिवाली पर कोटा में आश्चर्यजनक रूप से वायु प्रदूषण घट गया।

कोटाOct 22, 2017 / 09:51 am

​Vineet singh

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Air pollution Reduce in Kota on Diwali

दिल्ली में आतिशबाजी पर लगे प्रतिबंध का असर कोटा तक दिखाई दिया। प्रतिबंध लगने से वायु प्रदूषण को लेकर छिड़ी बहस के बीच न सिर्फ कोटा में पटाखों की बिक्री 20 फीसदी कम हुई, बल्कि वायु प्रदूषण भी पिछले साल के मुकाबले आधे से भी कम रह गया। हालांकि दिवाली पर कोटा के सबसे शांत माने जाने वाले इलाकों में ध्वनि प्रदूषण खतरनाक स्तर तक जा पहुंचा। जो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है।
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20 फीसदी कम बिकी आतिशबाजी

कोटा में इस बार पटाखों की बिक्री 20 फीसदी कम हुई। साल 2016 में कोटा में करीब 6 करोड़ रुपए की आतिशबाजी बिकी थी, लेकिन इस बार 4 करोड़ के पटाखे बेचने में भी कोटा के व्यापारियों के पसीने छूट गए। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह रही कि इस बार कोटा के बाजार में चाइनीज पटाखे बिल्कुल भी नहीं बिके। पहले तो आतिशबाजी कारोबारियों ने ही इनसे दूरी बना ली थी और जिसने पुराना स्टॉक निकालने की कोशिश उसे ग्राहकों की जागरुकता के चलते मुंह की खानी पड़ी। इसके चलते पिछले साल के मुकाबले शहर में वायु प्रदूषण कम हुआ।
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106 आरएसपीएम घटा एयर पॉल्यूशन

पाॅल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की मॉनिटरिंग में सामने आया कि वर्ष 2016 में दिवाली के मौके पर कोटा में वायु प्रदूषण का स्तर 328 आरएसपीएम तक पहुंच गया था। जबकि इस बार यह आंकड़ा 222 आरएसपीएम तक ही सीमित रहा। हालांकि इस साल ध्वनि प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई। वर्ष 2016 में दिवाली पर साउंड पॉल्यूशन का आंकड़ा 67.8 डेसीबल रिकॉर्ड हुआ था, लेकिन इस साल 4.5 डेसिबल की बढ़ोत्तरी के साथ कोटा में औसत साउंड पॉल्यूशन 72.3 डेसिबल आंका गया। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित शर्मा ने बताया कि शहर के 6 हाईटेक स्टेशन पर वायु प्रदूषण की जांच की गई। जबकि 3 स्टेशनों ध्वनि प्रदूषण की जांच की।
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सांसों में 5 गुना बढ़ा कॉर्बन मोनोऑक्साइड का लेवल

धनतेरस,छोटी और बड़ी दीवाली पर सड़क किनारे दुकान लगाने वाले लोगों की सांसों में जमकर जहर घुला। अस्थमा रोग विशेषज्ञ डॉ. केवल कृष्ण डंग ने विज्ञान नगर इलाके में 56 लोगों का स्मोक का लेवल जांचा तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। धनतेरस के दिन इस इलाके में फूल माला बेचने वाले 4 लोगों का स्मोक लेवल 8 पीपीएम के ऊपर था। जबकि जो लोग धूम्रपान नहीं करते उनका लेवल 1 से 3 पीपीएम होता है। दिवाली के दिन शाम 5 बजे बाद ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का स्मोक लेवल चेक किया तो 10 पीपीएम से ऊपर मिला। अन्य व्यक्तियों का स्मोक लेवल 8 से ऊपर था। कई का स्मोक लेवल 10 से 13 पीपीएम के बीच मिला। दीवाली के दिन फूल माला वालों का स्मोक लेवल 11 से 16 पीपीएम यूनिट मिला। जो बेहद खतरनाक स्तर तक जा पहुंचा था। डॉ. डंग के मुताबिक रोजाना 5 सिगरेट पीने वालों का स्मोक लेवल भी 6 से 10 पीपीएम तक ही होता है।
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दिवाली पर कोटा में ध्वनि प्रदूषण
क्षेत्र – 2016 – 2017
डडवाड़ा – 67.8 – 72.3
एमबीएस – 63.4 – 66.8
गुमानपुरा – 83.5 – 82.2

दिवाली पर कोटा में एयर पॉल्यूशन
स्थान – 2016 – 2016
अनंतपुरा – 214 – 182
बोरखेड़ा – 306 – 199
रामपुरा – 328 – 222
बालिता – 293 – 207
आरटीयू – 131 – 167
श्रीनाथपुरम – 293 – 144

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