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कोटा

“लो जी! तबादलों से बैन हटते ही याद आ गए बूढ़े मां-बाप, पहले दिन ही विधायकों के पास लगा अर्जियों का ढेर

राज्य सरकार की ओर से कर्मचारियों के तबादलों से रोक हटते ही विधायकोंं के यहां अर्जियों का अम्बार लगना शुरू हो गया है।

कोटाMar 14, 2018 / 10:40 am

​Zuber Khan

Ban on transfers is removed
कोटा . राज्य सरकार की ओर से कर्मचारियों के तबादलों से रोक हटते ही विधायकोंं के यहां अर्जियों का अम्बार लगना शुरू हो गया है। हर कोई विधायक से तबादले का जुगाड़ लगाने की कोशिश में है। कोई रिश्तेदार के साथ अर्जी लगाने जा रहा तो कोई भाजपा कार्यकर्ताओं की मदद ले रहा। औसतन हर विधायक के यहां मंगलवार को 150 से 300 तक और किसी के पास इससे भी ज्यादा अर्जियां तबादलों के लिए आई। जिले के छह विधायकों के पास पहले दिन ही 1100 से ज्यादा आवेदन आ गए हैं।
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इनमें शिक्षकों की संख्या सर्वाधिक हैं। इसके बाद चिकित्सा, विद्युत और जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने आवेदन किया है। आवेदन में विधायक और मंत्री को लुभाने के लिए किसी ने वृद्ध माता-पिता, बीमार सास-ससुर का हवाला दिया है तो किसी ने कहा, वे अपनी पत्नी से दूर हैं, इसलिए तबादला चाहिए। कोई दूसरे संभाग में सालों से निष्ठा से सेवा करने के बाद अब अपने गृह जिले में आना चाहता है। कई ऐसे भी हैं, जिन्होंने खुद को भाजपा कार्यकर्ताओं के रिश्तेदार होने के कारण प्रताडि़त बताया है।
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गांव में काम करना नहीं चाहते
तबादला अर्जियों के अनुसार ज्यादा कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्र
से शहर में तबादला चाहते हैं। ज्यादातर ने वृद्ध-माता पिता की सेवा के लिए तबादला अर्जी लगाई।

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बताए ऐसे-ऐसे कारण
– माता-पिता वृद्ध हैं, सेवा
करने वाला कोई नहीं।
– सास-ससुर बीमार हैं उपचार कराने वाला कोई नहीं।
– बच्चों को शहर में अच्छे कोचिंग में पढ़ाना है।
– घर से बहुत ज्यादा दूर तैनात हैं।
-कांग्रेस सरकार ने दुर्भावना के चलते शहर से हटाया था।

15 किमी से लेकर बाड़मेर तक से अर्जी
तबादलों की अर्जियों में शहर से 15 से 20 किमी दूर तैनात कर्मचारियों ने भी घर के पास आने के आवेदन प्रस्तुत किया है। वहीं बाड़मेर समेत अन्य प्रतिबंधित जिलों से भी कर्मचारी अपने गृह जिले में आना
चाहते हैं।
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विधायक बोले
सांगोद विधायक हीरालाल नागर ने बताया कि जरूरतमंद कर्मचारियों की अर्जियां मिल रही हैं। समस्या की गंभीरता को देखते हुए स्थानान्तरण की अनुशंसा की जाएगी।

लाडपुरा विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा, जिनके माता-पिता की देखभाल करने वाला कोई नहीं, गंभीर बीमार, महिला और कांग्रेस सरकार से पीडि़त भाजपा कार्यकर्ताओं के रिश्तेदारों की अर्जियों पर प्राथमिकता से विचार किया जाएगा।
विधायक संदीप शर्मा बोले- पहले दिन 300 से ज्यादा आवेदन आए हैं। इनमें शिक्षा, चिकित्सा और विद्युत विभाग के कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है। प्रकरणों की गंभीरता को देखते हुए सरकार को अनुशंसा की जाएगी।
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पीपल्दा विधायक विद्याशंकर नंदवाना ने कहा, लम्बे अंतराल के बाद तबादलों से रोक हटी है। जो कर्मचारी पारिवारिक और अन्य आवश्यक कार्यों से इच्छित स्थान पर आना चाहते हैं, उनकी मदद राज्य सरकार के निर्देशानुसार करेंगे।

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