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भूलकर भी नहीं करें लक्ष्मण रेखा पार,चैत्र नवरात्र में ऐसे करें कन्या पूजन

Corona effect नवरात्र में कुल देवी देवताओं के स्थान पर अगर आप नही जा पा रहे है तो ये करे

कोटाMar 31, 2020 / 05:52 pm

Suraksha Rajora

भूलकर भी नहीं करें लक्ष्मण रेखा पार,चैत्र नवरात्र में ऐसे करें कन्या पूजन

भूलकर भी नहीं करें लक्ष्मण रेखा पार,चैत्र नवरात्र में ऐसे करें कन्या पूजन

कोटा. इस बार अष्टमी तिथी 1 अप्रैल बुधवार को रहेगी । महाशक्ति दायिनी मां दुर्गा अष्टमी पूजन का विशेष महत्व है। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्याओं का मां का रुप मानकर पूजन किया जाता है। इसके साथ ही महागौरी और सिद्धिदात्री देवी की पूजा के बाद हवन किया जाता है। अष्टमी और नवमी तिथि पर लोग अपनी कुल देवी की पूजा भी करते हैं। लेकिन इस समय पूरा देश कोरोना के बढते प्रकोप को रोकने के लिए घर की लक्ष्मण रेखा के अंदर है।
ऐसे में नवरात्र में व्रतियों के लिए चिंता है कि कन्या पूजन कैसे करें। कोरो ना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए महिलाएं अपनी बच्चियों को भी कन्या भोज के लिए घर से बाहर नहीं भेजना चाहती है। इस समय सभी व्रतियों के लिए समस्या है कि वह कैसे अपने घर कन्या को आमंत्रित करे। इस कठिन समय में आप घर के बाहर से कन्या को आमंत्रित किए बिना कैसे कन्या पूजन कर सकते हैं। इस बारे में पत्रिका ने ज्योतिषाचार्यो से बात कर जाना….
ज्योतिषाचार्य अमित जैन का कहना है की कन्या पूजन के लिए अपने घर की बेटी, भतीजी और अन्य कन्याओं को भोजन करवाकर उनका पूजन करें। लेकिन पूजन से पहले आप हाथ में जल लेकर यह संकल्प करें कि नवरात्र में कन्या पूजन के लिए मैं अपनी पुत्री को देवी मानकर उनका पूजन करता या करती हूं। कन्या को मीठा भोजन कराएं। और जो भी दान देना हो उन्हें देवी भाव से ही भेंट करें। उस भेंट पर आप अपना अधिकार ना दिखाएं।
इनहोने ठाना गरीब लोगो तक पहुंचाए खाना
श्री सर्राफा बोर्ड अध्यक्ष सुरेंद्र गोयल विचित्र का कहना है कि मैं हमेशा नवरात्रि की अष्टमी पर नो कन्याओं और दो लंगूरों को मंदिर में जाकर सामान देकर पूजा अर्चना करता हूं। इस बार लॉक डाउन के चलते काम वाली बाई की बस्ती में नो कन्याओं के लिए राशन सामग्री उपलब्ध करा रहा हूं जिससे उनके परिवार का कुछ गुजर बसर हो सके। तलवंडी सोसाइटी के सभी सदस्यों ने इस बार ये प्रण लिया है।
श्रीनाथपुरम निवासी अनुराधा शर्मा ने बताया कि लोक डाउन में कन्या पूजन कार्यक्रम संभव नहीं होगा ऐसे में ज्योतिषयों से चर्चा करके घर पर ही पूजा की जाएगी।

वनपाल गायत्री मीणा ने बताया कि वे इस बार कच्ची बस्ती में बच्चियों को भोजन पैकेट ओर जरूरत के समान उपलब्ध करवाएगी। पूजन के दौरान जो ाी राशि कन्याओं को ोंट की जाती है वो इस बार बस्तियों की बच्चियों को देगें।
अनीता मीणा, रंजना, तनिष्का और आद्या भारद्वाज का कहना है कि हर साल नवरात्रि पर कन्या पूजन धूम धाम के साथ मनाया जाता रहा है, इस बार हम सोसाइटी की महिलाएं मिलकर मजदूर वर्ग की बच्चियों के लिए राशि जमा करके भेट करेंगे।
आम के पत्ते, सुपारी या चावल से कुल देवी देवताओं का आह्वान करें

पण्डित महेश कुमार शर्मा ने बताया कि नवरात्र में कुल देवी देवताओं के स्थान पर अगर आप नही जा पा रहे है तो आप घर पर ही पूजन के लिए आम, पान, केले आदि के पत्ते पर नौ सुपारी ,9 पताशे, गुड़ की डली रख कर पूजन करें। 9 फूल ले या फूल की जगह अक्षत का उपयोग करें। ओर आह्वान करें। भोग लगा कर आरती करें। इस तरह सामान्य रूप से कुल देवी देवताओं की आराधना की जा सकती है ,इसमें किसी तरह का दोष नहीं है। ये सांकेतिक पूजा होती है।

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