scriptफसलों पर कहर बनकर गिरी बरसात, किसानों के चेहरे मुरझा गए | Crop damaged by rain fall in hadauti region | Patrika News
कोटा

फसलों पर कहर बनकर गिरी बरसात, किसानों के चेहरे मुरझा गए

तेज हवा से खेतों में आड़ी पड़ गई फसलें

कोटाMar 28, 2020 / 06:31 am

Deepak Sharma

फसलों पर कहर बनकर गिरी बरसात, किसानों के चेहरे मुरझा गए

फसलों पर कहर बनकर गिरी बरसात, किसानों के चेहरे मुरझा गए

बारां. जिले में गुरुवार देर रात से शुक्रवार सुबह तक तेज बारिश व अंधड़ ने तबाही मचा दी। खेतों में खड़ी व थ्रेसिंग के इन्तजार में सूखने के लिए रखी रबी की गेहूं, चना समेत अन्य फसलों में व्यापक खराबा देख किसान खासे मायूस हो गए। सुबह फसलों का जायजा लेने खेतों पर पहुंचे किसानों के चेहरे मुरझा गए। बादलों की आवाजाही से किसानों की चिन्ता बढ़ी रही। मौसम विभाग के अनुसार आगामी चौबीस घंटे बारिश के पूर्वानुमान ने किसानों को चिन्ता को और बढ़ा दिया।
लोकसभा अध्यक्ष की पहल,लॉक डाउन के बीच घर घर पहुंची
पोषाहार किट, महिलाओं की सेहत का ख्याल


जिले में इस वर्ष रबी में लगभग 3 लाख 36 हजार हैक्टेयर में गेहूं समेत सरसों, चना व धनिये की बुवाई हुई थी। इनमें धनिये की फसल की तो थ्रेसिंग हो गई। सरसों की 55 हजार हैक्टेयर में से 20 से 25 हजार हैक्टेयर थ्रेसिंग हो गई है, लेकिन अभी लगभग 30 हजार हैक्टेयर में किसानों ने सरसों की कटाई के बाद उसे सूखने के लिए खेतों में फैलाया हुआ है या फिर कई क्षेत्रों में इसकी कटाई होनी है। ऐसे में सरसों में खासा नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि अब धूप निकलने के बाद सरसों की फलियां तड़केंगी तथा समय रहते ढेर नहीं लगाए उनका दाना खेतों में रह जाएगा।
भाजपा ने की दो महीने के बिजली बिल माफ करने की मांग


आड़ी पड़ गई गेहूं की फसल
जिले में इस वर्ष करीब पौने दो लाख हैक्टेयर में गेहूं की बुवाई है। चम्बल की दायीं मुख्य नहर से सिंचित क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी इलाकों में यह फल पूरी तरह पक चुकी है।
मजदूर नहीं मिलने से किसान कम्पाइन मशीनों का इन्तजार कर रहे थे, लेकिन इसी बीच बारिश ने किसानों के अरमान धो दिए। तेज अंधड़ से फसल आड़ी पड़ गई। कमोबेश ऐसा ही हाल चने का हुआ है।
ऐसे में पहले से ही खरीफ के खराबे के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहे किसानों के सामने और भी बढ़ा संकट उत्पन्न हो गया।

बीमा कम्पनी को तुरंत दें सूचना
कृषि विभाग ने जिले के किसानों से अपील की है कि वे फसल खराबे की जानकारी 72 घंटे की समय सीमा में जिले की फसल बीमा कम्पनी एग्रीकल्चर इंश्यारेंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के टोल फ्री नम्बर1800-116-515 पर दें। जिससे बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि प्रभावित किसान व कृषि विभाग के अधिकारी फसल खराबे का आंकलन कर सकें।
ज्यादा मुनाफे के लालच ने बढ़ाया संकट, कई दुकानदार वसूल रहे मनमाने दाम

जिले में तेज अंधड़ व बारिश से रबी की सभी फसलों में नुकसान हुआ है। गेहूं की फसल आड़ी पड़ गई है तो कई क्षेत्रों में इसकी बालियां डैमेज होने से पूर्ण रूप से खराबा हुआ है। विभाग के उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद खराबे के नुकसान का सर्वे कराया जाएगा।
अतीश कुमार शर्मा, उपनिदेशक कृषि विस्तार बारां

Home / Kota / फसलों पर कहर बनकर गिरी बरसात, किसानों के चेहरे मुरझा गए

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो