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छोटे भाई नेपाल सिंह ने बताया कि बड़ा भाई तूफान फसल में फलाव नहीं आने से सदमे में आ गया। घर पर उसे मायूस देख भाभी ने पूछा तो उसने सोयाबीन का पौधा दिखाते हुए कहा कि हम बर्बाद हो गए। उसे समझाया, चिंता मत करो, लेकिन वह तनाव में था। थोड़ी देर बाद ही उसकी मौत हो गई।
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कोटा में भयावह हुआ स्क्रब टायफस और डेंगू, आंख मूंदे बैठा है स्वास्थ्य विभाग ग्रामीणों ने बताया कि खेत से लौटते समय मंगलवार शाम तूफान सिंह ने कई लोगों के सामने फलाव नहीं आने पर चिंता व्यक्त की थी।मृतक का बुधवार सुबह गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया। परिजनों ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन भी दिया। मृतक के एक आठ साल का बेटा और चार बेटियां हैं।
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कवि सम्मेलन में नहीं मिलेगा कोटा के कवियों को मौका, झूले की जगह को लेकर आपस में भिड़े पार्षद उपखण्ड अधिकारी गंगधार चन्दन दुबे का कहना है कि किसान की मौत की सूचना पर तहसीलदार और कृषि अधिकारी को मौके पर भेजा है। वैसे सोयाबीन की जीएस 335 किस्म में फलाव नहीं आने की समस्या सभी जगह है। फिर भी मामला दिखवाते हैं।