कोटा

भामाशाह मंडी में उग्र होकर गेट पर चट्टान बन खडे हुए किसान, जानिए क्या था मामला

कोटा की भामाशाह मंडी में किसान उग्र हुए।

कोटाJan 20, 2018 / 09:18 am

abhishek jain

भामाशाह मंडी में उड़द के समर्थन मूल्य खरीद केंद्र पर तुलाई नहीं होने से आक्रोशित किसानों ने शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे हंगामा करते हुए मंडी गेट बंद कर दिया। इस दौरान गेट पर किसानों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। मंडी समिति के कर्मचारियों, अधिकरियों ने किसानों को समझाइश कर गेट खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन किसान नहीं माने। सूचना पर अनंतपुरा पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन किसानों ने गेट नहीं खोला। शाम करीब 5 बजे सांसद ओम बिरला व विधायक संदीप शर्मा मौके पर पहुंचे।
 

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सांसद को किसानों ने पीड़ा बताई। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशमंत्री मुकुट नागर, हाड़ौती किसान यूनियन के लक्ष्मीचंद्र शृंगी, संयुक्त किसान समन्वय समिति के फतेहचंद बागला ने कहा कि किसान तीन माह से उड़द लेकर बैठा है। एक माह तो उसका ऑनलाइन रजिस्टे्रशन में निकल गया। बाद में दो माह तक उड़द बेचने का मैसेज नहीं आया। अब मैसेज आने पर उड़द लेकर मंडी पहुंचा तो खरीद में आनाकानी की जा रही है।

 

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उन्होंने उच्चाधिकारियों से वार्ता कर खरीद शुरू कराने की मांग की। इस पर सांसद ने तत्काल राजफेड के विक्रय अधिकारी तेजसिंह निर्वाण, उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां बीना बैरवा को मौके पर बुलाया। मामले से नैफेड, राजफेड, सीडब्ल्यूसी, सहकारिता विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया। केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री सी.आर. चौधरी से वार्ता कर तत्काल उड़द खरीद शुरू करवाई। इसके बाद किसानों ने मंडी के गेट खोला।
 

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भंडारण में आनाकानी
सूत्रों ने बताया कि समर्थन मूल्य पर खरीदे गए उड़द में फफूंद आने के डर से सेन्ट्रल वेयर हाउस के अधिकारी भंडारित करने में मना कर रहे हैं। ऐसे में गोदाम प्रबंधक ने गुरुवार को भी दो ट्रक भरे उड़द लौटा दिए। जब भंडार निगम से भरे ट्रक लौट आए तो नैफेड के गुणवत्ता निरीक्षकों ने भी उड़द के नमूने जांचने से पैर खींच लिए। उनका मानना था कि पहले तुले हुए उड़द का ही भंडारण नहीं हो रहा तो आगे से उड़द के नमूने पास करने का कोई मतलब नहीं है।

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