तीन साल की गर्वी, सात साल की बड़ी बहन गौरी, पिता प्रदीप और मां ज्योति….. चारों एक शादी समारोह में आए थे। शाम करीब पांच से छह बजे के बीच मैरिज गार्डन पहुंचे और उसके बाद अंदर चले गए। ज्योति के साथ ही उसकी बड़ी बेटी गौरी नीचे उतर गई। उसके बाद दोनो गार्डन में चले गए। पति ने कार को पार्क किया और लॉक कर दिया। ज्योति का कहना है कि गर्वी भी उसके साथ नीचे उतरी थी, लेकिन पता नहीं कब वह कार में वापस चली गई। कार को पार्क कर प्रदीप ने ऑटो लॉक कर दिया।
उसके बाद वो भी अंदर चले गए। करीब दो घंटे के बाद जब प्रदीप ने पत्नी ज्योति से पूछा कि गर्वी कहां है तो उसने कहा कि वह तो आपके साथ होगी। दोनो बाहर आए और कार को खोला तो पता चला गर्वी बेहोश पड़ी थी। उसे तुरंत अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। माता-पिता की इस जरा सी भूल से एक मासूम बच्ची की इस कदर तड़पकर मौत हुई है। पूरे गांव में इस घटनाक्रम के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है। चार मई को ही बच्ची का तीसरा जन्मदिन मनाया गया था। वह सबकी आखों का तारा थी, लेकिन अब बस उसकी याद बची है।