इसमें कहा था कि नमकीन की दुकान का फूड लाइसेंस निरस्त किया जाए। निगम आयुक्त व स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से पेश जवाब में कहा कि निगम की ओर से वर्ष 2011 से फूड लाइसेंस जारी करने का काम नहीं किया जा रहा।
यह कार्य सीएमएचओ द्वारा किया जा रहा है। इसलिए उनके खिलाफ पेश याचिका को खारिज किया जाए। इधर, दुकान मालिक ने जवाब में कहा कि उसके द्वारा मोटे रंगीन कागज में कचोरी-समोसे दिए जा रहे हैं। वह कागज अधिकतर अंग्रेजी मैगजीन के हैं। उनका न तो रंग उतरता है न ही कागज जल्दी से गलता है। इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है।
एडवोकट चौधरी ने बताया कि अभी इस मामले में जिला कलक्टर, सीएमएचओ व जिला रसद अधिकारी का जवाब नहीं आया है। उन्हें जवाब के लिए 24 नवम्बर को तलब किया है।