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कोटा

सड़कों पर ध्यान दो सरकार, अब ऐसी सड़कें बनें कि अगली बरसात में फिर नहीं टूटे

हकीकत : प्रदेश के सभी शहरों में मानसून से बेहाल हुई सड़कों पर खुलीघटिया निर्माणों की पोल
जनता बोली : सड़कें टूटने के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई होगी तो सड़कें अगले साल नुकसान से बचेगी। अब युद्ध स्तर पर सड़कों की मरम्मत हो। जो सड़कें पूरी तरह उखड़ गई, वो नई बनाई जाएं।

कोटाOct 07, 2021 / 11:11 pm

Kanaram Mundiyar

सड़कों पर ध्यान दो सरकार,  अब ऐसी सड़कें बनें कि अगली बरसात में फिर नहीं टूटे

सड़कों पर ध्यान दो सरकार, अब ऐसी सड़कें बनें कि अगली बरसात में फिर नहीं टूटे

के. आर. मुण्डियार

स्टेट पत्रिका टीम.

कोटा.
मानसून की बरसात ने प्रदेश के अधिकतर शहरों व गांवों की प्रमुख सड़कों की हालत बिगाड़ दी। प्रदेश में हजारों किलोमीटर लंबी सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा। प्रदेश में कमोबेश हर शहर से गुजरने वाले प्रमुख राजमार्ग जैसे कोटा-जयपुर मार्ग, कोटा-भोपाल मार्ग, अजमेर-जयपुर मार्ग व सीकर मार्ग की हालात खस्ता हो गई।
औसत से थोड़ी अधिक बरसात ने राजधानी जयपुर समेत जोधपुर, कोटा, उदयपुर, बीकानेर, भरतपुर, अजमेर संभागों के जिलों की सड़कों पर कहर ढा दिया। ऐसे हालात से शहरों व गांवों में सड़कों के घटिया निर्माणों की पोल भी खुल गई है। क्षतिग्रस्त सड़कों पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। कई लोगों की जान चली गई हैं। जिम्मेदार विभागों ने गड्ढ़ों में कंक्रीट-मुरड़ डलवाकर एवं पेचवर्क से लीपापोती शुरू कर दी है।
बेहाल सड़कों पर हर रोज दर्द झेल रहे लोगों का कहना है कि निर्माण एजेंसी व विभागों के आला अफसर अब पेचवर्क व नवनिर्माण मौके पर मौजूद रहकर निगरानी से कराएं, ताकि अगली बरसात में ऐसा नुकसान फिर से नहीं हो। लोगों को फिर से विकट परेशानी नहीं झेलनी पड़े। पेश है प्रदेश के प्रमुख शहरों की एक रिपोर्ट
जयपुर :
-4500 किमी लम्बाई की सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं मानसून की वजह से

-10 करोड़ रुपए से अधिक इनके पेचवर्क में होते हैं खर्च
-200 करोड़ रुपए की सड़कें बनाने में सालाना खर्च करता है जेडीए
-100 करोड़ रुपपए नगर निगम करते हैं सड़कें बनाने में खर्च

कोटा :

-4561.16 किलोमीटर की 1458 सड़कें खराब हुई कोटा संभाग में

-394.65 किलोमीटर लम्बी 64 सड़कें खराब हुई कोटा शहर में
-1186.13 किमी की कोटा जिले में 383 सड़कें खराब हुई।
-939.92 किमी 383 सड़कें बूंदी जिले में खराब हुई

-1208.92 किमी 324 सड़कें बारां जिले में खराब हुई
-1226.82 किमी 368 सड़कें झालावाड़ जिले में खराब हुई
जोधपुर :
-3000 किलोमीटर की 500 से ज्यादा सड़कें खराब हुई जोधपुर संभाग में

-400 किमी लम्बी 90.100 सड़कें खराब हुई जोधपुर शहर में

-250 सड़कें लगभग जोधपुर जिले में खराब हुई


भरतपुर:
-1620 किमी की 653 सड़कें खराब हुई भरतपुर संभाग में

-102 किमी की 42 सड़केंं खराब हुई भरतपुर शहर में

-206 सड़कें खराब हुई भरतपुर जिले में

बीकानेर :
-550 किमी लम्बी सड़कें बीकानेर शहर बरसात में खस्ताहाल हो चुकी है।
-350 लाख रुपए सड़कों की मरम्मत के लिए यूआईटी, नगर निगम व पीडब्ल्यूडी से प्रस्तावित।

इसलिए टूटी सड़कें और बढ़ गई तकलीफ-

-घटिया निर्माण वाली अधिकतर सड़कें औसत से अधिक बरसात झेल नहीं पाई। राजमार्ग तक उखड़ गए।
-बरसात पूर्व सड़कों पर पेचवर्क में देरी हुई और बरसात में अधिक नुकसान हो गया।

-सीवरेज, पेयजल, बिजली, गैस की लाइन भूमिगत बिछाने के दौरान सड़कें खोद दी, लेकिन पुन: मरम्मत में लापरवाही हुई।
अब अफसर अपनी गलती सुधारें-

-निर्माण एजेंसियों व स्थानीय निकायों की ओर से, जो सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, उनकी मरम्मत या पुन: निर्माण अविलम्ब व प्रभावी तरीके से करवाना चाहिए। ताकि अगली साल ये सड़कें फिर से बेहाल न हों।
-जो सड़कें जिन अफसरों की निगरानी में बनाई गई और गारंटी पीरियड से पहले ही उखड़ गई, ऐसे अफसरों व ठेका फर्मों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जानी चाहिए। ताकि भविष्य में अच्छी क्वालिटी की सड़कें बन सके।
इनका कहना हैं-

संभाग के जिलों में खराब हुई सड़कों के निर्माण और मरम्मत के लिए राज्य सरकार को जिला कलक्टरों के माध्यम से प्रस्ताव भेजे गए थे। उनकी स्वीकृति आना शुरू हो गई है।
-संजीव गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी, कोटा

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