फसलों के खेतों में अवशेष जलाने पर पांच हजार तक लगेगा जुर्माना
कृषि पर्यवेक्षक करेंगे किसानों को जागरूक- आए दिन खेतों में आग लगाने से परेशान है प्रशासन
फसलों के खेतों में अवशेष जलाने पर पांच हजार तक लगेगा जुर्माना
कोटा। कोरोना के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए प्रशासन दिन-रात जुटा हुआ है, वहीं किसान फसल काटने के बाद खेतों में आग लगा रहे हैं। यह आग गांव व बस्ती तक पहुंच जाती है। इसके बाद प्रशासन दमकलों को लेकर दौडऩे को विवश हो रहे हैं। अब जो किसान फसलों के अवशेष जलाएगा उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। कृषि विभाग की ओर से फ सलों के अवशेष नहीं जगाने के बारे में कृषि विभाग की ओर से किसानों को जागरुक किया जाएगा।कृषि विस्तार के उप निदेशक रामनिवास पालीवाल ने बताया कि रबी फसलों की कटाई का कार्य प्रगति पर है। गेहूं की फसल की कटाई के बाद कुछ किसान फसल के अवशेेषों को जलाते है। जिससे क्षेत्र में आगजनी की घटनाएं घटित होती है। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने किसानों द्वारा फ सल के अवशेषों को जलाने पर 2 एकड़ से कम भूमि वाले किसानों पर प्रति घटना 2500 रुपए व 2 एकड़ से 5 एकड़ वाले किसानों पर प्रति घटना 5000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण एवं रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है।उन्होंने सभी कृषि पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया है कि किसानों को अवशेष नहीं जलाने के लिए जागरूक करें। सभी कृषि पर्यवेक्षक क्षेत्र भ्रमण के दौरान किसानों से व्यक्तिगत सम्पर्क करें तथा सम्पर्क किये जाने वाले कृषकों की सूचना संधारित करें। कृषि पर्यवेक्षक के कार्यक्षेत्र में फ सल अवषेष जलाने की घटनाएं होती है, तो संबन्धित कृषि पर्यवेक्षक की लापरवाही मानते हुए व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय कि जाएगी। गौरतलब कि गेहूं की फसल व खेतों में आगजनी की घटनाओं के बारे में हाल में पत्रिका ने प्रमुखता से यह मुद्दा उठाया था।