किशोरपुरा व नांता स्थित अखाड़े पर नवरात्र में विशेष आयोजन होते हैं। अखाड़ा परिसर में रोज गरबा चलता है, लेकिन इससे पहले देवी की महिमा के 11 भजन विशेष रूप में गाए जाते हैं। इसके बाद देर रात तक गरबा खेला जाता है। kota mela dussehra 2019 दशहरे के दिन सुबह रावण से कुश्ती लड़कर उसे पैरों तले रौंदा जाता है। ज्वारों को बुजुर्ग एक-दूसरे को वितरित करते हैं। लोग बड़े-बूढ़ों का आशीर्वाद लेते हैं।
गुजरात से आए थे जेठी परिवार
80 वर्षीय शिव कुमार जेठी बताते हैं कि जेठी गुजराती ब्राह्मण हैं, जो गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों से आए। समाज की कुल देवी लिम्बजा माता है। महाराव उम्मेद सिंह समाज के लोगों को लेकर आए। उन्होंने ही किशोरपुरा व नांता में अखाड़ा बनवाया। समाज के लोग पहले नौकरियां नहीं करते थे, सिर्फ पहलवानी करते थे, परिवार का सारा खर्चा दरबार ही उठाया करते थे। कोटा में वतर्मान में नांता व किशोरपुरा क्षेत्र में जेठी समाज के करीब 150 परिवार हैं। पूर्व में बृजनाथजी की सवारी के साथ सुरक्षा के लिए जेठी समाज के लोग चलते थे।
बुजुर्ग शिव कुमार बताते हैं कि लिम्बजा माता नीम के पेड़ से प्रकट हुई थी। माता का एक हाथ है। एक बार अकबर बादशाह ने गुजरात के देलमाल गांव में लोगों की जमीने छीनने लगा दिया व लंगर घुमा दिया और गांव के लोगों को कुश्ती की चुनौती दे दी। गांव के लक्खा भाई जेठी ने साहस किया और चुनौती को स्वीकार कर लिया। इस पर अकबर बादशाह ने कहा कि पहले उनके हाथी का सामना करना होगा। लक्खा भाई ने देवी लिम्बजा से प्रार्थना की, इस पर देवी ने कहा कि सामने गज आए तो सिर पर जोर से मुष्ठिका का प्रहार करना। पीछे नहीं देखना, ऐसा ही हुआ। कुश्ती के समय बादशाह द्वारा भेजा गया हाथी आया। लक्खा जेठी ने देवी के अनुसार सब कुछ किया, लेकिन देवी के दर्शन को आतुर होकर पीछे देख लिया। इस समय माता का नीम के पेड़ से एक हाथ बाहर था, लक्खा के देखते ही माता का हाथ निकल गया। कहा जाता है तब ही से लिम्बजा माता एक हाथ ही है। लक्खा जेठी से प्रसन्न होकर समाज को देवमाल गांव में जागिर दे दी।
ईश्वर लाल बताते हैं नवमी पर हवन किया जाता है। दशमी के दिन हनुमानजी का पूजन कर रोठ का भोग लगाते हैं, फिर लिम्बजा माता की आरती कर रावण वध किया जाता है। समाज के पहलवान रावण के अहम को पैरों तले रोंदेते हैं, फिर खुशियां मनाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस वर्ष दोपहर 12 बजे आरती के बाद रावण का वध किया जाएगा।