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कोटा

तेंदुओं और भालुओं को रास आ रही है मुकुन्दरा की आबोहवा

वन्यजीवों से समृद्ध हो रहे हाड़ौती के जंगल

कोटाDec 11, 2019 / 06:33 pm

mukesh gour

तेंदुओं और भालुओं को रास आ रही है मुकुन्दरा की आबोहवा

तेंदुओं और भालुओं को रास आ रही है मुकुन्दरा की आबोहवा

कोटा. मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व की आबोहवा वन्यजीवों को खासी रास आ रही है। टाइगर रिजर्व बनने के बाद खास वन्यजीव खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। गत वर्षों में भालू और तेंदुओं की बढ़ती संख्या इसका उदाहरण है। जानकारी के अनुसार 2012 में मुकुन्दरा हिल्स में भालुओं की संख्या 42 थी जो 2017-18 में 55 के करीब पहुंच गई है। इसी तरह तेंदुओं की संख्या में भी लगातार खासा इजाफा हुआ है। यह उपलब्ध आंकड़ों की संख्या है। अधिकारियों का मानना है कि अनुकूल परिस्थियों के चलते ही ये संभव हुआ है। न सिर्फ भालू बल्कि अन्य वन्यजीव भी बढ़ रहे हैं। अब टाइगर रिजर्व में गत वर्षांें से ट्रांजिट लाइन के आधार पर वन्यजीवों को देखा जा रहा है।
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मुकुन्दरा ही क्यों
मुकुन्दरा के अलावा भी आंकडे उत्साहित करने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2018 में की गई वन्यजीव गणना के अनुसार भैंसरोडगढ़, रामगड़, शेरगढ़, उम्मेदगंज व अभेड़ा में 18 भालू व 14 तेंदुए दिखे। 2019 में तेंदुओं की संख्या 14 से 18 हो गई, वहीं भालूओं की संख्या में कमी आई। यह भी वाटर पांइटों पर की गई संख्या के आधार पर ही आंकड़े हैं।
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तेंदुओं की संख्या में भी इजाफा
2012 में मुकुन्दरा हिल्स में तेंदुओं की संख्या 15 के करीब थी। 2016-17 में भी 15 ही तेंदुए थे, लेकिन इसके बाद 2017-18 में 22 पर पहुंच गई।
कब कितने भालू
2014-15 46
2015-16 133
2016-17 24
2017-18 55
2017-18 55

यह भी जरूरी
पैंथर व भालूओं की संख्या बढ़ता मुकुन्दरा हिल्स व हाड़ौती के लिए सुखद है, लेकिन इसके साथ ही इनकी सुरक्षा भी अपने आप में एक चुनौती भरा कार्य है। जब टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में इजाफा होगा, तो पैंथरों के यहां से मूव करने की संभवनाएं रहेंगी। इसे देखते हुए बूंदी, चित्तौड़ व आसपास का जो वन क्षेत्र जो टाइगर रिजर्व में नहीं है, उसे भी टाइगर रिजर्व में शामिल किया जाना चाहिए। टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल बढऩे से वन्यजीव जंगलों से बाहर नहीं निकलेंगे। इससे वन्यजीव हादसों के शिकार होने से बचेंगे। गत दिनों थर्मल क्षेत्र में पैंथरों का मूवमेंट रहा था। इन स्थितियों से विभाग को निपटना होगा।
तपेश्वर सिंह भाटी, सदस्य, लोकल एडवाइजर कमेटी, मुकुन्दरा हिल्स एवं टाइगर रिजर्व
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आसानी से दिखते हैं
यह जंगलों के आबाद होने का संकेत है। मुकुन्दरा हिल्स में बाघों के साथ पर्यटकों को अन्य वन्यजीवों को देखने का भी अलग ही रोमांच होगा। हमारे क्षेत्र के जंगल समृद्धि की ओर हैं। बाघों के साथ तेंदुए और अन्यजीव भी मुकुन्दरा को पर्यटकों के लिए खोले जाने के बाद रोमांचित करेंगे।
बनवारी यदुवंशी, वन्यजीव विशेषज्ञ
सुरक्षित हुए जंगल
मकुन्दरा हिल्स व आसपास के जंगल वन्यजीवों के लिए काफी बेहतर है। टाइगर रिजर्व बनने के जंगल काफी सुरक्षित हुए हैं। इसका प्रभाव वन्यजीवों की संख्या पर भी पड़ रहा है। इसके चलते पिछले चार-पांच वर्षों में वन्यजीवों की संख्या बढी है।
फातिमा सुल्तान, विभागाध्यक्ष प्राणीशास्त्र, जेडीबी कॉलेज
सुरक्षित माहौल मिला
वन विभाग की ओर से मुकुन्दरा पार्क में वन्यजीवों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा के कारण ही वन्यजीवों की संख्या में इजाफा हुआ है। विभाग के कर्मचारी गंभीरता से जंगलों की सुरक्षा में डटे हुए है। इसे और बेहतर करने के प्रयास जारी हैं।
टी मोहनराज, उप वन संरक्षक, मुकुन्दरा हिल्स एवं टाइगर रिजर्व
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