scriptपुश्तैनी मकान की खातिर अपने ही बड़े भाई को जिन्दा जलाया था, ताउम्र भुगतेगा जेल… | Life imprisonment for killing brother for property | Patrika News
कोटा

पुश्तैनी मकान की खातिर अपने ही बड़े भाई को जिन्दा जलाया था, ताउम्र भुगतेगा जेल…

Life imprisonment भाई की हत्या के मामले में आजीवन कारावास और 50,500 रुपए के अर्थदंड से किया दंडित
 
 
 

कोटाJul 19, 2019 / 09:12 pm

Rajesh Tripathi

kota news

पुश्तैनी मकान की खातिर अपने ही बड़े भाई को जिन्दा जलाया था, ताउम्र भुगतेगा जेल…

कोटा. पैतृक मकान के विवाद में करीब साढ़े पांच वर्ष पहले अपने ही बड़े भाई को जलाकर हत्या के मामले में एडीजे न्यायालय क्रम-1 ने आरोपी छोटे भाई को आजीवन कारावास व 50,500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।पुलिस ने बताया कि 15 दिसम्बर 2013 को श्रीपुरा निवासी गंभीर रूप से झुलसे कैलाश लोधा ने एमबीएस में पर्चा बयान में बताया कि वह 14 दिसम्बर 2013 को टिपटा के एक पार्क में गया, तो वहां उसका छोटा भाई विजय पहले से बैठा शराब पी रहा था। इस दौरान एक मित्र के कहने पर वह विजय के घर मकबरा चला गया तभी विजय भी वहां आ गया और उसने कहा, मकान का सौदा आठ लाख रुपए में कर दिया है, तुम कागज पर साइन कर दो। इस पर कैलाश ने साइन करने से मना कर दिया और कहा कि मैं यहां से जा रहा हूं। जैसे ही जाने लगा पीछे से विजय ने रोका और धक्का देकर नीचे गिरा दिया। इसके तुरंत बाद केरोसिन छिड़क आग लगा दी, जिससे कपड़ों में आग लग गई और जान बचाने के लिए बाहर की तरफ भागा और वहां रखे पानी से जैसे-तैसे आग बुझाई। इसके बाद वह घर गया और बेटी को घटना की जानकारी दी। परिजनों ने उसे गंभीर हालत में एमबीएस के बर्न वार्ड में भर्ती करवाया।
पति की मौत के बाद दबंगो ने जबरन जोत ली जमीन, बेटे को
लेकर दफ्तरों के चक्कर काट रही पत्नी..

हत्या का मामला दर्ज
उपचार के दौरान करीब एक सप्ताह बाद 22 दिसम्बर 2013 को कैलाश की मौत हो गई। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर विजय को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया। न्यायालय ने इस मामले में 18 गवाहों के बयान लेखबद्ध किए। शुक्रवार को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश क्रम-1 राजीव बिजलानी ने छोटे भाई मकबरा निवासी विजय लोधा को आजीवन कारावास व 50 हजार 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
न्यायाधीश राजीव बिजलानी ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि ये मामला विरल से विरलतम अपराध की श्रेणी में आता है और गंभीर प्रवृति का अपराध है। ऐसे में आरोपी के प्रति किसी भी प्रकार का नरमी का रूख अपनाया जाना न्यायोचित नहीं होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो