व्यापार व्यवसायी कर्मचारी
हलवाई 3,000 45,000
कैटरिंग 4,000 1,00,000
टेंट 2,000 40,000
लाइट डेकोरेशन 1,000 10,000
मैरिज गार्डन 300 45,000
बैंड 250 37,000
फूल डेकोरेशन 300 1,500
इंवेंट 250 4,000
साउण्ड 400 2,000 पाबंदी हटाना इसलिए जरूरी
– इस व्यवसाय से जुड़े कर्मचारियों का पलायन रोका जा सकेगा।
– बढ़ती बेरोजगारी कुछ कम होगी।
– कोटा शहर के विकास व व्यापार को गति मिलेगी।
– सालाना 10 हजार करोड़ का टर्नओवर होगा।
पाबंदी के चलते बड़ी संख्या में बेरोजगारी बढ़ी है। कर्मचारियों को 10 प्रतिशत भुगतान कर रहे हैं, ऐसे में अधिकांश कर्मचारी काम छोड़कर जा चुके हैं। कर्मचारियों को पैसे देना तो दूर बिजली का बिल भरना भी मुश्किल हो रहा है। राज्य में सभी गतिविधियां जब सामान्य हो गई तो फिर इस व्यापार पर प्रतिंबध क्यों नहीं हटाया जा रहा।
– जवाहर बंसल, टेंट व्यवसायी, कोटा
पाबंदियों के चलते धंधा पूरी तरह खत्म हो चुका है। 50 लोगों की छूट के चलते खाना बनाने में लेबर उतनी ही लगती है, जितना 200 लोगों के खाना बनाने में। धंधा नहीं होने से मिठाई बनाने वाले हलवाई काम छोड़कर कोई ठेला लगा रहा है तो कोई दुकान या ठेकेदार के पास नौकरी कर परिवार चला रहा है।
– संदीप जैन, व्यवसायी, हलवाई व कैटरिंग, कोटा
शादी समारोह में राजस्थान में ही केवल 50 लोगों की पाबंदी है, जबकि राजस्थान सीमा से लगे अन्य राज्यों जैसे गुजरात, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, पंजाब में कोई पाबंदी नहीं है। ऐसे में जो लोग बड़े समारोह कर रहे हैं, जैसे बारां में कोई बड़ी शादी करना चाह रहा है तो वह गुना जाकर कर रहा है। ऐसे में करीब 70 प्रतिशत व्यापार बाहर चला गया है।
– अन्नू अग्रवाल, अध्यक्ष हाड़ौती हलवाई व कैटरिंग एसोसिएशन, कोटा
पड़ोसी राज्यों में शादी समारोह में 400 लोगों तक की छूट दे रखी है, लेकिन राज्य सरकार ने जुलाई के बाद अभी दो माह बाद तक भी कोई गाइड लाइन जारी नहीं की। शादियों के लिए रोजाना लोग पूछताछ करने आ रहे हैं, लेकिन छूट मिलेगी या नहीं इस असमंजस में कोई बुकिंग नहीं हो रही।
– शाकिर मोहम्मद, बैंड व्यवसायी, कोटा