मंदिर
जहां बेटी के साथ रहते हैं भगवान शंकरमहापौर ने बताया कि शहर में संचालित बसों की निगम द्वारा गोपनीय रूप से मॉनीटरिंग की जा रही थी। जो सिटी बस खड़े गणेशजी मंदिर के सामने खराब हो गई थी। उसे कम्पनी ने ब्रेक डाउन कर दिया। तब से वह बस डिपो में खड़ी है। उस बस को संवेदक कम्पनी ने दस्तावेज में 132 किमी चलना दर्शा दिया।
महापौर ने जब डिपो में स्टेपनी व टायर की जानकारी ली तो वे अन कम्पलीट मिले। वहीं वर्कशॉप संवेदक द्वारा दस्तावेज में दिखाए गए मैकेनिक, सफाईकर्मी व पेंटर भी नहीं मिले।
कोटा नगर निगम के महापौर महेश विजय ने बताया कि बस डिपो का निरीक्षण किया तो संवेदक द्वारा की जा रही अनियमितताएं उजागर हो गई। ब्रेक डाउन बस को रूट पर चलना बता रखा था। अनियमितताओं को देखते हुए संवेदक का टेंडर निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
सिटी बस चालक मोहम्मद रईस ने महापौर को बताया कि ऑनरोड बसों में कोई टूट-फूट हो जाती है, बॉडी में स्क्रेच आ जाता है या कांच टूट जाता है तो संंवेदक कम्पनी द्वारा चालक-परिचालकों से वसूली की जाती है। कई चालक-परिचालक 15 हजार रुपए तक की कटौती करवा चुके हैं।