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कोटा

भामाशाह योजना में खेल: प्राइवेट अस्पतालों के हाथ से निकले 22.61 करोड़ तो मरीजों से करने लगे अवैध वसूली, मंत्री तक पहुंचा मामला

Bhamashah yojana: कोटा में भामाशाह योजना के नाम पर मरीजों से अवैध वसूली की जा रही है। पैसों के लिए लंबे समय तक अस्पताल से मरीज की छुट्टी तक नहीं करते।
 

कोटाOct 10, 2019 / 10:55 am

​Zuber Khan

misuse of bhamashah yojana

भामाशाह योजना में खेल: प्राइवेट अस्पतालों के हाथ से निकले 22.61 करोड़ तो मरीजों से करने लगे अवैध वसूली, मंत्री तक पहुंचा मामला

कोटा. राज्य सरकार की भामाशाह योजना ( Bhamashah Yojana ) नाम पर निजी अस्पताल में पात्र लाभार्थी मरीजों से अवैध वसूली का खेल सामने आया है। ( Illegal recovery from patients ) योजना में पात्र लाभार्थी होने के बावजूद कई अस्पताल मरीजों का इलाज तक नहीं कर रहे है, जो कर रहे वह भी मरीजों से मनमानी वसूली कर रहे हैं। (misuse of bhamashah yojana ) राज्य सरकार ( Rajasthan Government ) ने निजी अस्पतालों ( Private Hospitals ) में भामाशाह योजना इस कारण शुरू की थी कि गरीब व पात्र लाभार्थियों को बेहतर इलाज मिल सके। बदले में सरकार उन्हें मरीजों के इलाज के लिए पैकेज राशि देती है, लेकिन कोटा के निजी अस्पतालों में भामाशाह योजना के नाम पर पात्र लाभार्थी मरीजों से वसूली की जा रही है, जबकि चिकित्सा विभाग के पास ऐसी हर माह चार से पांच शिकायतें आती हैं।
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मंत्री समूह को करनी थी जांच

निजी अस्पतालों में भामाशाह योजना में पात्र लाभार्थियों से वसूली के कई मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने मंत्री समूह से जांच करवानी की बात कही थी, लेकिन मंत्री समूह ने कोई जांच नहीं की। इसके चलते हालात यह हो गए है कि निजी अस्पतालों में मरीजों से इलाज के नाम पर मनमर्जी से राशि वसूली की जा रही है। बीमा कम्पनियों ने भामाशाह योजना के सॉफ्टवेयर में अप्रेल के बाद पात्र लाभार्थियों का इलाज करने के ऑप्शन को हटा दिया है। इसके चलते योजना से नए लाभार्थी नहीं जुड़ रहे है। इससे उनका इलाज भी नहीं हो रहा है, जबकि निजी अस्पतालों में दिसम्बर में योजना में जुड़े पात्र लाभार्थियों का ही इलाज हो रहा है।
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नोडल अधिकारी से बातचीत के अंश…
पत्रिका : साहब, भामाशाह मरीज से अस्पताल मनमर्जी से 13 हजार की राशि वसूल रहा है, उसकी छुट्टी भी नहीं कर रहा है। मरीज से इलाज की दो पैकेज की 24 हजार की राशि ले ली।
नोडल अधिकारी : ऐसे थोड़े कोई राशि वसूलते है, मैं अस्पताल को फोन करता हूं। ऐसे कैसे ले सकता है।
अस्पताल : मरीज को धमकाता है, तेने किसको फोन किया और मरीज रोने लगता है।
नोडल अधिकारी : अस्पताल के खाते में अभी 13 हजार की पैकेज राशि आ चुकी है, मरीज की छुट्टी कर रहा है। मरीज को और राशि देने की जरूरत नहीं।
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20 हजार वसूले
अयाना निवासी अलीम मोहम्मद ने सीएडी सर्किल स्थित एक निजी अस्पताल में 22 से 26 सितम्बर तक डेंगू का इलाज करवाया। उसने भामाशाहकार्ड, बीपीएल कार्डधारी होना बताया, लेकिन उसके दस्तावेज को देखा तक नहीं और भामाशाह योजना में इलाज के लिए मना कर दिया। उससे इलाज के 20 हजार रुपए वसूल लिए। उसने जिला कलक्टर को शिकायत देकर राशि दिलाने की मांग की। जिला कलक्टर ने भामाशाह योजना के नोडल अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं।
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8 दिन तक अस्पताल से नहीं की छुट्टी
कापरेन निवासी भामाशाह लाभार्थी धनकंवर को पति गिरिराज सिंह ने बसंत विहार स्थित निजी अस्पताल में 26 सितम्बर को पथरी के ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया था। दूसरे दिन ऑपरेशन हुआ। इसमें 24 घंटे बाद मरीज की छुट्टी कर दी जाती है, लेकिन धनकंवर को आठ दिन तक अस्पताल से छुट्टी नहीं दी और चिकित्सक उसे दवाइयां देते रहे, जबकि मरीज का भामाशाह योजना के दो पैकेज में 12-12 हजार की राशि आ चुकी थी। एक 13 हजार की राशि शेष थी। इसके चलते अस्पताल ने उसकी छुट्टी नहीं की।
बसंत विहार स्थित निजी अस्पताल में भर्ती मरीज से राशि वसूलने व मरीज की छुट्टी नहीं करने का मामला सामने आया था। अस्पताल ने एनाउंसमेंट राशि कम पडऩे से रोगी को रोक रखा था। मरीज की छुट्टी करवा दी है। मरीज को पैसे के लिए रोकने, दवाइयां देते रहना गलत है। ऐसे में अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. गिरधर गुप्ता, नोडल अधिकारी, भामाशाह योजना
ये है योजना के आंकड़े
निजी अस्पताल में जनवरी से 4 अक्टूबर तक योजना के तहत सरकार ने प्राइवेट अस्पताल को 38177 कुल पैकेज दिया है। इसमें से 35 करोड़ 56 लाख 54 हजार 590 रुपए क्लेम सरकार दे चुकी है। जबकि प्राइवेट अस्पतालों ने कुुुल 2601 पैकेज का क्लेम 22 करोड़ 61 लाख 1 हजार 150 रुपए सरकार को भिजवाया। जिसमें विभिन्न कमियों के चलते सरकार ने रिजेक्ट कर दिए। इसी की वजह से अब निजी अस्पताल भामाशाह मरीजों से योजना के नाम पर अवैध वसूली कर रही है।

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