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कोटा

होलिका दहन में ये उपाय बचाएंगे वातावरण में फैले रोगों के बैक्टीरिया-वायरस से

होलिका दहन के लिए पेड़ काटने से ग्रह हो सकते हैं नाराज

कोटाMar 05, 2020 / 07:58 pm

Suraksha Rajora

होलिका दहन में ये उपाय बचाएंगे वातावरण में फैले रोगों के बैक्टीरिया-वायरस से

होलिका दहन में ये उपाय बचाएंगे वातावरण में फैले रोगों के बैक्टीरिया-वायरस से

कोटा. होलिका दहन पर हरे पेडों को काट कर आग के हवाले करने से पहले यह जान लें, पेड काटने से आपके ग्रह नाराज हो सकते हैं। पेड हमारे वातावरण को शुद्ध तो रखते हैं, पारिस्थितिक संतुलन भी बना कर रखते हैं। लेकिन सच यह भी है कि हर वृक्ष का स्वामी एक ग्रह होता है।
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि पेड काटने पर उस ग्रह का स्वामी नाराज हो जाएगा और इस नाराजगी को हमें भुगतना पडेगा। यह भुगतना कई महीनों और सालों तक चल सकता है। हम होली पर कुछ सावधानी बरत कर मौसमी बीमारियों से भी मुक्त हो सकते हैं। होलिका दहन में डाले जाने वाले अनेक पदार्थ ऐसे भी होते हैं, जो वातावरण में फैले रोगों के बैक्टीरिया-वायरस को खत्म करने में मदद करते हैं।
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि होली की अग्नि में एक अद्बुत ताकत होती है जो सभी कष्टों को दूर करती है होली की अग्नि में घी डालने से वातावरण शुद्ध होकर सकारात्मकता आती है। लोभान में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती मिलती है वही कपूर से विषैले जीव दूर होते है। पेड़.पौधे हमारे परिवार के सदस्य की तरह हैं। इनकी देखभाल करना हम सब का दायित्व है।
जब तक हम वृक्षों का ग्रहों से जुड़ा गहरा नाता समझेंगे नहीं तब तक होलिका दहन को समझ पाना मुश्किल है। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक होली के त्योहार पर हरे पेड़.पौधों की बलि चढ़ाना सही नहीं है। होली पर दिखावे के लिए हजारों हरे.भरे पेड़ों की बलि देना अन्याय है।
ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि एक पेड़ को काटने पर एक पुत्र की हत्या के बराबर पाप लगता है । होली जलाएं, मगर प्रतीकात्मक रूप से सूखी लकड़ी की होली जलाएं ओर कंडों की होली जला सकते हैं। इससे वातावरण शुद्ध रहेगा। होली की अग्नि में घी, गूगल एलोभान, नारियल,कपूर, आदि डालने से पर्यावरण शुद्ध होगा।
ध्यान रखें..इन पेड़ों को काटा तो ग्रह होंगे नाराज

ज्योतिषाचार्य अमित जैन के अनुसार आंक नीम व बिल्व पत्र का पेड़ काटने पर सूर्य रूष्ठ होगा। इसी तरह पलाश का पेड़ काटा तो. चन्द्रमा, अनंत मूल या खेर.से मंगल, विधारा, जामुन या केत काटने पर बुध की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। केलए भृंगराज, बड, पीपल व अशोक काटा तो बृहस्पति नाराज होंगे।
गूलर-आम, अमरूद आदि फलों के वृक्ष काटने पर शुक्र की नाराजगी झेलनी पड़ सकती हैं ।वहीं बबूल, बिछोल खेजड़ी काटने से शनि आप से नाराज हो सकता है। चंदन व दोब को नुकसान पहुंचाने पर राहु, असगंध व कुषा पेड़ काटे तो केतु की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। हर पेड़ का स्वामी कोई न कोई ग्रह है। इस कारण पेड़ काटने से ग्रह नाराज हो जाते हैं।

27 नक्षत्रों के सबंधित 27 पेड़.
अश्विन. कुचिला.बांस
. भरणी. आवंला
.कृतिका. गुलर
. रोहिणी. जामुन
.मृगशिरा. श्वैर
. आद्र्रा. शीशम
. पुनर्वसु. बांस
. पुष्य. पीपल
. आश्लेषा. नागकेसर
. मघा. बरगद
. पूर्वाफाल्गुनी. ढाक
. उत्तराफाल्गुनी. रूद्राक्ष
. हस्त. राठा
. चित्रा .बिल्वपत्र
. स्वाति. अर्जुन
. विशाखा. बांस
. अनुराधा. पीपल
. ज्येष्ठा. चीड़
. मूल. बरगद
. पूर्वा आषाढ़. अशोक
. उत्तरा आषाढ़. कटहल
. श्रवण. आक
. शतिभिषा. कदंब
. पूर्वाभाद्रपद. आम
. उत्तराभाद्रपद. बांस
. रेवती. महुआ

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