इसके अलावा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को धरातल पर लाने के लिए बजट में प्रतिबद्धता दिखाई है। बजट घोषणा में मुख्यमंत्री ने इसके लिए 320 करोड़ रुपए की घोषणा की है। अब तक कोटा में कालीसिंध नदी पर बन रहे नवनेरा बांध के निर्माण कार्य पर 167 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। द्वितीय चरण में नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त धौलपुर में 60 करोड़ की लागत से कालीतीर लिफ्ट परियोजना का कार्य शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में कहा कि इस घोषणा को राष्ट्रीय महत्व की योजना घोषित करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने इसका वादा भी किया था। 37 हजार करोड़ की लागत की इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करना समझ से परे है और भेदभाव की श्रेणी में आता है। इसके बाद भी हम इसके संसाधनों से कार्य को जारी रखेंगे। ऐसी योजना है जिसे पूर्वी राजस्थान की पेयजल और सिंचाई की समस्या को दूर करने लिए बनाया है।
इससे पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यह बात कई बार कह चुके हैं कि ईआरसीपी का अनुमानित खर्च बहुत ज्यादा जिसे राज्य सरकार के लिए वहन करना संभव नहीं है। इसलिए इसे राष्ट्रीय महत्व की योजना में शामिल करने की जरूरत है। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का लाभ प्रदेश के 13 जिलों को मिलेगा। इनमें झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा व धौलपुर शामिल हैं। इन जिलों में पेयजल व सिंचाई की समस्या दूर होगी।
योजना के तहत कोटा में जिले में बन रहा बांध
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के लिए जुलाई 2019 में 1595.06 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली थी। करीब 601.2 करोड़ में नवनेरा बांध का निर्माण पूरा होगा। अक्टूबर 2022 तक बांध का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है। यह बांध 1404 मीटर लम्बा होगा और 27 रेडियल गेट लगाए जाएंगे।