स्नेक पार्क में 29 प्रकार के भारतीय और 4 अमरीकन प्रजाति के सर्प रखे जाएंगे। इसमें इंडियन कोबरा, कॉमन इंडियन करैत, रसल्स वाइपर, नॉन पॉइजन सर्प में इंडियन पाॅयथन, रेट स्नेक, चेकर्ड कील ब्लैक, बोंज बेक कील स्नेक, ट्रिनकेट स्नेक, केट स्नेक, ब्रांडेड कुकरी, वॉल्फ स्नेक, रेड स्पोटेड रॉयल, फोरस्टन केट स्नेक, बेंडेड रेचर जैसे भारतीय सर्प रखे जाएंगे। विदेशी सर्प प्रजातियों में मेक्सिकन किंग स्नेक, मिल्क स्नेक, कॉर्न स्नेक और बॉल पाॅयथन स्नेक पार्क में रखा जाएगा।
स्नेक पार्क में मेडिकल व रेपटाइल साइंस के स्टूडेंट्स के अलावा वन विभाग के शोधार्थी भी सर्प, उनके विष और उनके विष से बनने वाली एंटी वेनम व अन्य दवाओं पर रिसर्च कर सकेंगे। इसके लिए यहां लैब व आवश्यक सुविधाएं विकसित की गई हैं।
कोटा में सर्प संरक्षक डॉ.विनोद महोबिया ने सबसे पहले सर्प संरक्षण का बीड़ा उठाया और तलवंडी स्थित अपने आवास में विभिन्न प्रजातियों के सर्पों का संरक्षण किया। वर्ष 2004 में सर्प संरक्षण व रिसर्च के लिए स्नेक पार्क की योजना बनाई गई। लंबी प्रकिया के बाद स्नेक पार्क के निर्माण को मंजूरी मिल गई और राज्य सरकार की ओर से इसके 10 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया।
स्नेक पार्क बनने और सीजेडए की मंजूरी मिलने से खुशी हैं। इससे रेपटाइल वर्ग के बारे में भी लोगों को जानकारी मिलेगी और सर्प संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ेगी।
डॉ. विनीत महोबिया, कॉ ओर्डिनेटर, रेप्टिलियन साइंस, कोटा विवि
कोटा जिले में मिला दुनिया का सबसे खतरनाक सांप
कोटा के स्नेक पार्क के लिए सीजेडए से अनुमति मिल गई है। इसके बाद स्नैक पार्क में विभिन्न प्रजातियों के स्नेक रखे जा सकेंगे।मानसिंह, सचिव, नगर विकास न्यास, कोटा