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कोटा

कोरोना के दौर में सुस्त हुई मौसमी बीमारी

एहतियात बरतने से कम बीमार पड़ रहे लोग

कोटाOct 26, 2020 / 07:05 pm

mukesh gour

कोरोना के दौर में सुस्त हुई मौसमी बीमारी

कोरोना के दौर में सुस्त हुई मौसमी बीमारी

बारां. जिले में कोरोना वायरस की दहशत के चलते लोगों ने एहतियात बरतना शुरू किया तो डेंगू मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियां हवा होती नजर आ रही है। संक्रमण से बचाव को लेकर लोग ज्यादा सतर्क होने से बीमार भी कम पड़ रहे है। जिले में डेंगू व मलेरिया के रोगी पिछले वर्ष के मुकाबले कई गुना कम हो गए। हालांकि वर्ष दर वर्ष मौसमी बीमारियों पर अंकुश लगता जा रहा है, लेकिन इस वर्ष अब तक के आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक कमी दर्ज की गई है। इस वर्ष गत 17 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह तक जिले में मलेरिया के मात्र 19 रोगी चिन्हित हुए हंै। इसके अलावा डेंगू के अब तक मात्र तीन व स्क्रबटायफस के पांच रोगी मिले है। स्वाइनफ्लू ने तो अभी तक दस्तक भी नहीं दी है। चिकित्सा सूत्रों का कहना है कि मलेरिया बुखार के रोगियों को चिन्हित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों की ब्लड स्लाइड लेकर जांच की जाती है। लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण को लेकर सर्वे समेत अन्य सम्बंधित कार्यों में कार्मिकों की अधिक व्यस्तता के चलते पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 6 0 फीसदी ब्लड स्लाइड बनाई गई। इससे रोगी भी कम चिन्हित हुए हैं। पिछले वर्ष जिले में करीब दो लाख ब्लड स्लाइड बनाई गई थी। वहीं, इस वर्ष करीब एक लाख 26 हजार ब्लड स्लाइड ली गई है। करीब 74 हजार स्लाइड कम ली गई है। आंकड़ों के मुताबिक मलेरिया के छह गुना, डेंगू के 14 गुना व स्क्रबटायफस के करीब 12 गुना रोगी कम मिले हैं।
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हावी नहीं होने दिया तो बनी रही सेहत
सूत्रों का कहना है कि इस वर्ष गत वर्षो के मुकाबले बारिश कम होने से लम्बे समय तक पानी भी जमा नहीं रहा। इससे भी मलेरिया में कमी आने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों में जागरूकता व एहतियात बरतने, बार-बार हाथ धोने, साफ-सफाई रखने तथा इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए लोगों ने खानपान पर भी पहले की अपेक्षा अधिक ध्यान दिया है। इससे भी मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारी हावी नहीं हो सकी। लोगों ने जरा सा शरीर तपने व खांसी, जुकाम होते ही का पता लगते ही इलाज लेना शुरू कर दिया। अस्पताल भी जाने से लोग कतराते रहे, लेकिन उन्होंने आयुर्वेदिक काढ़ा व अन्य घरेलू उपचार लिए हैं।
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मलेरिया, डेंगू व स्क्रबटायफस में गत वर्ष की अपेक्षा कई गुना कमी आई है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने, संक्रमण को लेकर गाइड लाइन का पालन करने तथा आयुर्वेदिक काढ़ा व अच्छा खानपान लेकर इम्यूनिटी बनाए रखने से भी लोग सेहतमंद रहे। इसके अलावा शादी समारोह नहीं होने, गमी में लॉकउाउन के कारण लोग घरों पर रहे, आदि कारण से लोग कम बीमार हुए है।
डॉ. राजेन्द्र कुमार मीणा, डिप्टी सीएमएचओ (स्वास्थ्य)

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