लेना पड़ता है पूरा सामान
ग्राहक रामबाबू, श्यामलाल, महेन्द्र सहित अन्य लोगों ने बताया कि जब भी वह बाजार में खरीदारी करने जाते है तो शेष राशि के रूप में रेजगारी पकड़ा देते है। जब वे इसे लेने से मना करते है तो दुकानदार शेष राशि की एवज में अन्य वस्तु पकड़ा देते है, जिसकी उन्हें जरुरत नहीं होती। इससे दुकानदार का तो फायदा हो जाता है, लेकिन खरीदार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता हैं।
ग्राहक रामबाबू, श्यामलाल, महेन्द्र सहित अन्य लोगों ने बताया कि जब भी वह बाजार में खरीदारी करने जाते है तो शेष राशि के रूप में रेजगारी पकड़ा देते है। जब वे इसे लेने से मना करते है तो दुकानदार शेष राशि की एवज में अन्य वस्तु पकड़ा देते है, जिसकी उन्हें जरुरत नहीं होती। इससे दुकानदार का तो फायदा हो जाता है, लेकिन खरीदार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता हैं।
यह भी नहीं लेते रेजगार
शहर के प्रमुख मार्गो पर ठेला लगाकर दुकानदारी करने वाले गोविंद, त्रिलोक सहित अन्य दुकानदारों ने बताया कि सड़क किनारे ठेला लगाने की एवज में नगरपालिका की ओर से हर ठेला चालक या फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों से यूजर चार्जेज के रूप में पांच रुपए की पर्ची काटी जाती है। पर्ची काटने के लिए प्रतिदिन पालिका का कर्मचारी बाजार में आता है। उसे एक या दो रुपए के सिक्के देते है तो वह भी सिक्के लेने से मना करता है। जबकि पर्ची से एकत्र राशि पालिका के सरकारी कोष में जमा होती है।
शहर के प्रमुख मार्गो पर ठेला लगाकर दुकानदारी करने वाले गोविंद, त्रिलोक सहित अन्य दुकानदारों ने बताया कि सड़क किनारे ठेला लगाने की एवज में नगरपालिका की ओर से हर ठेला चालक या फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों से यूजर चार्जेज के रूप में पांच रुपए की पर्ची काटी जाती है। पर्ची काटने के लिए प्रतिदिन पालिका का कर्मचारी बाजार में आता है। उसे एक या दो रुपए के सिक्के देते है तो वह भी सिक्के लेने से मना करता है। जबकि पर्ची से एकत्र राशि पालिका के सरकारी कोष में जमा होती है।
बैटरी चोरी का आरोपी आया कब्जे में तो ऑटो चालकों ने
थर्ड डिग्री से पीटा…वीडियो वायरल ! उठ रहे सवाल. दुकानदारों की पीड़ा
दुकानदारों का कहना हैं कि उनके पास काफी मात्रा में एक, दो व पांच के सिक्के एकत्र है। बैंक में सिक्के जमा कराने जाते है तो वे भी इसे लेने से मना करते है। वहीं जिस बड़े दुकानदार से सामान खरीदने जाते है तो वह भी इसे लेने से मना करता है। इससे उनकी दुकानदारी भी प्रभावित होती है।
थर्ड डिग्री से पीटा…वीडियो वायरल ! उठ रहे सवाल. दुकानदारों की पीड़ा
दुकानदारों का कहना हैं कि उनके पास काफी मात्रा में एक, दो व पांच के सिक्के एकत्र है। बैंक में सिक्के जमा कराने जाते है तो वे भी इसे लेने से मना करते है। वहीं जिस बड़े दुकानदार से सामान खरीदने जाते है तो वह भी इसे लेने से मना करता है। इससे उनकी दुकानदारी भी प्रभावित होती है।
बैंक में सभी तरह के सिक्के जमा किए जा रहे है। सभी तरह के सिक्के प्रचलन में है। दुकानदार ग्राहकों से सिक्के क्यों नहीं ले रहे इसके लिए प्रशासन द्वारा दुकानदारों को पाबंद किया जाना चाहिए।
अशोक जैन, ब्रांच मैनेजर, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया रावतभाटा बाजार में सभी तरह के सिक्के प्रचलन में है। सिक्के लेने में आनाकानी करने वाले दुकानदारों के खिलाफ शिकायत मिलने पर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
रामसुख गुर्जर, एसडीएम, रावतभाटा
रामसुख गुर्जर, एसडीएम, रावतभाटा