राजस्थान में मानूसन की धमाकेदार एंट्री, कोटा सहित 14 जिलों में झमाझम ऑपरेशन के दौरान पहले नसों को कंट्रोल किया गया। उसके बाद त्रिशूल को निकाला गया। बालक को उसकी बहन ने एक यूनिट रक्त दिया। बालक के हाथ को अस्थिरोग विभाग के चिकित्सक को भी दिखवाया। त्रिशूल से उसकी हड्डी पर किसी तरह का कोई असर नहीं पड़ा। बालक अब पूरी तरह स्वस्थ है। एक माह बाद फि जियोथैरेपी करवाई जाएगी।