सीएडी स्थित दुर्गा बस्ती निवासी सुरेशचन्द अग्रवाल का आरोप है कि पुलिस कर्मियों द्वारा दी गई चालान रसीद में राशि दर्ज नहीं की और उससे अवैध रूप से राशि वसूल ली गई। उन्होंने बताया कि 9 अगस्त (रविवार) को लॉकडाउन के दौरान किसी काम से गुमानपुरा जा रहा था। दोपहर 12 बजे बाद सोफिया स्कूल की गली के कौने में खड़े दो पुलिसकर्मियों ने उसे रोका। बिना हैलमेट होने से उससे चालान के एक हजार रुपए मांगे। इतनी राशि नहीं होने की बात कहने पर पुलिसकर्मियों कहा कि 500-700 रुपए दे दो। मैंने 500 रुपए पुलिसकर्मी को दिए और उसने मुझे चालान की रशीद के साथ दो सौ रुपए वापस दे दिए। रशीद लेकर में चला गया। घर पहुंचा और चालान रसीद देखी तो उसमें राशि ही दर्ज नहीं कर रखी थी। वापस गया तो पुलिसकर्मी वहां से जा चुके थे। बोरखेड़ा निवासी बबलू खान ने भी पुलिसकर्मियों द्वारा 100 रुपए वसूले् जाने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि थेगड़ा रोड स्थित एक कार के वर्कशॉप से कार की सर्विस करवाकर बोरखेड़ा घर लौट रहा था। थेगड़ा पुलिया पर खड़े पुलिसकर्मियों ने उसे सीटबेल्ट नहीं लगाने के चलते रोका। इस दौरान वाहन चालकों की भीड़ लगी होने से वह खड़ा रहा। बाद में चालान बना रहे पुलिसकर्मी ने कहा कि 100 रुपए दो और घर जाओ। आगे से सीट बेल्ट लगाकर ही गाड़ी चलाना।
पुलिसकर्मियों के लिए नहीं कोई नियम शहर में यातायात नियमों की अवेहलना पर पुलिसकर्मी तुरंत चालाना बना देते है। कोरोना संक्रमण के चलते गाइड लाइन की पालना नहीं करने पर दुकानों, वाहनों पर जा रहे चालकों के मास्क नहीं पहनने पर भी चालाना बनाए जा रहे है। जबकि शहर में बिना हैलमेट पहने दुपहिया वाहनों पर पुलिसकर्मी दौड़ते रहते है। सोशल डिस्टेसिंग की पालना नहीं करते हुए बिना मास्क पुलिसकर्मी चौराहों गली मोहम्मलों में चालान बनाते रहते है। यह नियम उन पर लागू नहीं होते। दादाबाड़ी छोटा चौराहा पर चालान बनाने के दौरान पुलिसकर्मी सोशल डिस्टेसिंग की पालना नहीं कर रहे थे।
-अभी मैं अवकाश पर जोधपुर आया हुआ हूं। चालान की सभी डायरियां यातायात ऑफिस में है। अवकाश से आने पर डायरी में देखकर बता पाऊंगा उसमें कितनी राशि दर्ज है। अगर गड़बड़ है तो पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -नारायण लाल, पुलिस उपाधीक्षक, यातायात