कोटा

…इसलिए राजस्थान से खफा है ‘दिल्ली’

राज्य के प्रस्तावों को केन्द्रीय शहरी मंत्रालय ने नहीं दी मंजूरी

कोटाFeb 13, 2020 / 06:24 pm

mukesh gour

…इसलिए राजस्थान से खफा है ‘दिल्ली’

कोटा. स्मार्ट सिटी कम्पनी की ओर से स्मार्ट सिटी की मूल परियोजनाओं में बदलाव करने से केन्द्र सरकार नाखुश है। इस कारण राज्य सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्तावों को मंजूरी नहीं दी गई है। इससे परियोजना में शुरू होने वाले कार्यों में देरी होने की संभावना है। स्मार्ट सिटी में मूल प्रोजेक्ट तत्कालीन भाजपा शासन में तैयार किए गए थे। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद स्मार्ट सिटी के कोटा में चल रहे आधा दर्जन प्रोजेक्ट निरस्त कर दिए गए और कार्यशील प्रोजेक्ट में बदलाव किया गया। नए सिरे से विकास कार्यों के प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए केन्द्र सरकार के शहरी मंत्रालय को भेजे गए, लेकिन मंजूरी नहीं मिली। इस प्रोजेक्ट में केवल दशहरा मैदान के प्रथम चरण का काम, ई-लाइब्रेरी आदि के काम ही पूरे हुए हैं। दशहरा मैदान के दूसरे और तीसरे चरण के कामों में भी संशोधन किया गया है। इस कारण प्रस्ताव अटके पड़े हैं।
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स्मार्ट सिटी चयन के वक्त करीब दो दर्जन
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कोटा का चयन सितम्बर 2016 में हुआ था। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 1456 करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाने थे। मूल प्रस्ताव में शहर के मध्य 1300 एकड क्षेत्र में रिट्रोफि टिंग के तहत विभिन्न कार्य करवाने थे। इसमें जेके पेवेलियन क्षेत्र से किशोर सागर तालाब, कोटड़ी तालाब, दशहरा मैदान, कोचिंग सिटी इत्यादि सम्मिलित थे। इसके साथ ही कच्ची बस्ती विकास की योजना भी सम्मिलित था। इसमें कोटड़ी तालाब, स्मार्ट रोड, नालों का सौंदर्यीकरण, स्मार्ट इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट सिस्टम आदि प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया। जल प्रबंधन का काम जदलाय विभाग से छीनकर नगर विकास न्यास को दे दिया गया है।
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केन्द्र का तर्क
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट केन्द्र सरकार का है। राज्य सरकार प्रोजेक्ट को क्रियान्वित करने वाली एजेंसी है। इसलिए मूल परियोजनाओं के प्रस्तावों में बदलाव नहीं किया जा सकता। केन्द्र की मंशा के अनुरूप ही कार्य आगे बढ़ेंगे। स्मार्ट सिटी कम्पनी व राज्य सरकार की ओर से कोटा में स्मार्ट सिटी के तहत जो भी काम हो, उनके केन्द्र स्तर पर चर्चा की जाए।
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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में दशहरा मैदान के दूसरे और तीसरे चरण का काम शुरू नहीं हुआ है। फेज दो में सेन्ट्रल पार्क आदि में बदलाव के प्रस्ताव थे, इस कारण अटके हुए हैं। सरकार के स्तर पर ही इस संबंध में निर्णय होगा।
केएम शर्मा, अधिशासी अभियंता, स्मार्ट सिटी कम्पनी
योजना की कुल लागत
1456 करोड़
क्षेत्र आधारित परियोजना
1121 करोड़
पेन सिटी परियोजना
335 करोड़

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