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कोटा

Unique resolution: : पहले पौधों को पानी, फिर करते हैं अन्न ग्रहण

Unique resolution: : कुंदनपुर. संकल्प लेने से कहीं अधिक कठिन है संकल्प को साधना। लेकिन ढोटी में सेवानिवृत्त शिक्षक ने पर्यावरण संरक्षण का एक बार संकल्प लिया तो इसे अब भी निभा रहे हैं। संकल्प भी ऐसा कि जब तक पौधों को पानी नहीं, तब अन्न नहीं। करीब आठ वर्ष से इसी संकल्प के साथ पौधों को सींच रहे हैं। इसी का असर है कि उनके लगाए गए पौधे अब पेड़ का रूप ले रहे हैं और कई राहगीरों को छांव दे रहे हैं।
 

कोटाJun 27, 2022 / 12:35 am

Hemant Sharma

 पहले पौधों को पानी फिर करते हैं अन्न ग्रहण

Unique resolution: : पहले पौधों को पानी फिर करते हैं अन्न ग्रहण

Unique resolution: : कुंदनपुर. संकल्प लेने से कहीं अधिक कठिन है संकल्प को साधना। लेकिन ढोटी में सेवानिवृत्त शिक्षक ने पर्यावरण संरक्षण का एक बार संकल्प लिया तो इसे अब भी निभा रहे हैं। संकल्प भी ऐसा कि जब तक पौधों को पानी नहीं, तब अन्न नहीं। करीब आठ वर्ष से इसी संकल्प के साथ पौधों को सींच रहे हैं। इसी का असर है कि उनके लगाए गए पौधे अब पेड़ का रूप ले रहे हैं और कई राहगीरों को छांव दे रहे हैं। ग्राम पंचायत ढोटी निवासी लटूर लाल नागर आठ वर्षों में अब तक 200 से अधिक पौधे लगा चुके हैं।
ये पौधे अब पेड़ का आकार ले रहे हैं। लटूर लाल के पर्यावरण प्रेम से प्रभावित वार्ड पंच विष्णु प्रसाद दाधीच बताते हैं कि लटूर लाल ने संकल्प ले रखा है कि जब तक पौधों में पानी नहीं डाल देते भोजन नहीं करेंगे। इसी संकल्प को निभा रहे हैं। उनके लिए परिवार से ज्यादा पेड़ पौधों की देखभाल अहमियत रखती है। लटूर लाल अभी करीब 65 वर्ष के हैं।
स्वच्छता के प्रति भी जागरूक

न सिर्फ पर्यावरण प्रेम, बल्कि सामाजिक सरोकार के कई कार्य वह वह निभा रहे हैं। अपने आसपास कोई घर के बाहर कचरा डाल दे उन्हें रास नहीं आता, वे उसे टोंक देते हैं।आवश्यकता पड़ने पर खुद कचरा उठाकर नजीर पेश करते हैं। बच्चों को संस्कावान बनाने के साथ नशामुक्ति के लिए भी प्रेरित करते हैं।
सेवा का मिला सम्मान

समाज सेवा के कार्यों के लिए नागर को पंचायत ने कई बार पुरुस्कृत किया जा चुका है। लटूर लाल मानते हैं कि पर्ण्वरण का संरक्षण आज के दौर में जरूरी है। स्वच्छता व संस्कारवान समाज आज की आवश्यकता है। इनमें सभी का योगदान जरूरी है
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