खून से सना रेलवे ट्रेक: चलती ट्रेन के आगे पटरी पर गर्दन रख युवक ने की आत्महत्या, सिर और हाथ धड़ से अलग
हुआ यूं कि 30 मार्च को कोटा में सामाजिक संगठनों की ओर से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया था, जिसमें कुमार विश्वास ने राष्ट्र एवं देशभक्ति से ओत-प्रोत काव्य पाठ किया। आयोजन में पुलवामा हमले में शहीद सीआरपीएफ के हैडकांस्टेबल हेमराज मीणा के माता-पिता भी शामिल हुए थे। उन्हें देख कुमार विश्वास ने उन्हें मंच पर बुलाया और सम्मान कर उनके पैर छूए। उन क्षणों के फोटो को कुमार ने 31 मार्च को ट्विटर पर पोस्ट किया, लेकिन उनके कट्टर जातिवादी समर्थकों को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने पोस्ट पर मैसेज कर आपत्तिजनक कमेंट किए। BIG News: अब इनके इशारों पर दौड़ेगी चंबल की लहरों पर बोट, पर्यटकों से वसूला जाएगा इतना शुल्क
पोस्ट कर जताई नाराजगी
यह देख कुमार ने अपने फेसबुक पेज पर गहरी नाराजगी जताते हुए लिखा है कि अजीब हाल हो गया है हमारे देश का। कोई कुछ सुनने समझने को तैयार नहीं है। पुलवामा के अमर शहीद हेमराज मीणा के पूज्य माता-पिता दो पहले कोटा के मेरे शा में पधारे तो हम सबने उन्हें कृतज्ञ आग्राहपूर्वक मंच पर आमंत्रित किया। उसी क्षण मैंने उन वीर प्रसूता माता और देश पर कुर्बान नर नाहर के पूज्य पिता को बैठकर चरण स्पर्श किया। आज परदेश में मैसेज बॉक्स देखा तो कई जाति -कुल के कुएं में पड़े कूप मंडूक मूर्खों ने मुझे भर भर गालियां देकर कोसा है कि मैंने अपने ब्राह्मण होने को कलंकित किया है मीणा परिवार के सार्वजनिक रूप से पैर छूकर।
सिरियसली? क्या जहालत यहां तक आ गई है? हर आदमी अपनी निजी तुच्छता और औछेपन को बाहर लाकर जाति-धर्म की ढाल बनाकर, घृणा और विद्वेष फैला रहा है और हम ऐसों के बहाव में बह रहे हैं। हद है भई। तो सुनो हर तरफ के और तरह के जाहिलों, देश-समाज विभाजकों, तुम्हारी धमकियां और सलाह जूते की नोक पर। समझे। मुझे तुमसे न धर्म समझना है न ब्राह्मणत्व की परिभाषा। अपनी जाति धर्म की आत्ममुग्धताएं अपने घर रखो।