बरसाती जल को बचाने से जल स्तर बढ़ेगा, वहीं संरक्षित जल का उपयोग पेड़-पौधों की सिंचाई और अन्य कार्यों में किया जा सकेगा। इससे बरसाती पानी का उपयोग हो सकेगा, साथ ही जलदाय विभाग की ओर से सप्लाई किया जाने वाला पानी का उपभोग भी घटेगा।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पिछले साल जयपुर में हुई कलक्टर-एसपी कॉफ्रेंस में बरसाती पानी के संरक्षण पर चर्चा की गई थी। उस समय कोटा पुलिस की ओर से शहर के सभी थानों व पुलिस लाइन की छतों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का सुझाव दिया गया था। इसे मंजूर भी कर लिया था। बैठक में इसका प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा गया था।
एसपी शहर अंशुमान भौमिया ने बताया कि बरसाती पानी बचाने के लिए पुलिस के भवनों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की योजना है। पिछले साल इस पर चर्चा की गई थी। इसका प्रस्ताव बनाकर कुछ समय पहले ही सरकार को भेज दिया। बजट आते ही बरसात से पहले इसका काम शुरू होने की संभावना है। इस सिस्टम के लगने से बरसाती पानी को न केवल संरक्षित कर पेड़ पौधों के काम तो लिया ही जा सकेगा साथ ही बरसात के बाद पानी की कमी को भी दूर करने में सहयोग मिलेगा।