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यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि इसी कड़ी में बुधवार को कोटा में हजारों की संख्या में रेलकर्मचारियों व उनके परिवार के सदस्यों ने रैली व प्रदर्शन कर सरकार के निर्णय का विरोध किया। गालव ने बताया कि रैली यूनियन के मंडल कार्यालय से प्रारंभ की गई जो स्टेशन के मुख्य बाजारों से होती हुई रेलवे स्टेशन कोटा के सामने आम सभा में परिवर्तित हो गई।
इस दौरान कर्मचारियों व उनके परिवार के सदस्यों द्वारा मानव श्रृंखला बनाकर फैसले के खिलाफ संकल्प लिया। उपस्थित रेलकर्मचारियों ने संकल्प लिया कि रेलों का प्राईवेटाईजेशन किसी भी हालात में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए हमें किसी भी स्तर पर विरोध करना पड़े। रेलवे स्टेशन के समक्ष रेलप्रशासन के आदेशों की प्रतियां जलाई।
ट्रेन रोकनी पड़ी तो रोकेंगे
गालव ने अपने संबोधन में रेलकर्मियों को एकता बनाये रखने व पूरी शक्ति के साथ विरोध करने का आव्हान किया उन्होने बताया कि ऑल इण्डिया रेलवेमैन्स फैडरेशन के महामंत्री ने सम्पूर्ण रेलों पर रेलकर्मचारियों की हितों की रक्षा हर हाल में किए जाने का आश्वासन दिया है व भारत सरकार के ट्रेनों व स्टेशनों को निजी फर्मों से संचालित करने के प्रस्ताव पर रोक नहीं लगाई तो रेलों को जाम करने का निर्णय भी यदि एआईआरएफ को लेना पड़ेगा तो संकोच नहीं किया जाएगा। उन्होने अवगत कराया कि रेल के प्राईवेटाईजेशन से आज जनता व इससे जुडे लाखों परिवार प्रभावित हो रहे है। कम वेतन भोगी कर्मचारी व आम व्यक्ति को ट्रेन यात्रा मंहगी होती चली जाएगी। जिससे शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चे व नौकरी के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाने वाले बच्चों व उनके परिवारों पर अधिक यात्रा खर्च का भार भुगतना होगा तथा आमजन इससे प्रभावित होने के साथ साथ कई सुविधाओं व आवश्यकताओं से वंचित होगें।
गालव ने अपने संबोधन में रेलकर्मियों को एकता बनाये रखने व पूरी शक्ति के साथ विरोध करने का आव्हान किया उन्होने बताया कि ऑल इण्डिया रेलवेमैन्स फैडरेशन के महामंत्री ने सम्पूर्ण रेलों पर रेलकर्मचारियों की हितों की रक्षा हर हाल में किए जाने का आश्वासन दिया है व भारत सरकार के ट्रेनों व स्टेशनों को निजी फर्मों से संचालित करने के प्रस्ताव पर रोक नहीं लगाई तो रेलों को जाम करने का निर्णय भी यदि एआईआरएफ को लेना पड़ेगा तो संकोच नहीं किया जाएगा। उन्होने अवगत कराया कि रेल के प्राईवेटाईजेशन से आज जनता व इससे जुडे लाखों परिवार प्रभावित हो रहे है। कम वेतन भोगी कर्मचारी व आम व्यक्ति को ट्रेन यात्रा मंहगी होती चली जाएगी। जिससे शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चे व नौकरी के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाने वाले बच्चों व उनके परिवारों पर अधिक यात्रा खर्च का भार भुगतना होगा तथा आमजन इससे प्रभावित होने के साथ साथ कई सुविधाओं व आवश्यकताओं से वंचित होगें।