सीएमएचओ डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि शीत ऋतु में वातावरण का तापमान अत्यधिक कम होने पर शीत लहर चलने लगती है। जिसके कारण सर्दी जुकाम, बुखार, निमोनिया, त्वचा रोग, फेफड़ों में संक्रमण, हाईपोथर्मिया, अस्थमा, एलर्जी होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने जरूरी हैं।
लंबे समय से कोटा शहरवासी कड़ाके की सर्दी का इंतजार कर रहे थे। मंगलवार को बादल छाए रहने, सर्द हवा से मौसम के मिजाज अचानक बदल गया। सर्द हवाओं के कारण ठिठुरन बढ़ गई। शहर में सुबह घने बादल छाए रहे। सर्द हवा चलती रही। कड़ाके की सर्दी के चलते लोगों की दिनचर्या देरी से शुरू हुई। स्कूली बच्चे भी ठिठुरते हुए पहुंचे। 10 बजे बाद धूप खिली तो लोग गुनगुनी धूप सेकते नजर आए। दिन में वाहन पर सर्द हवा शूल सी चुभती रही। शाम ढलने के बाद गलन का असर बढ़ गया।
यह रहा तापमान
नए कोटा का अधिकतम तापमान 1 डिग्री गिरकर 23.2 व न्यूनतम तापमान 1 डिग्री गिरकर 10.6 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा की रफ्तार 3 किमी प्रति घंटे की रही। विजिबिलिटी 1500 मीटर रही। भारतीय मृद्रा एवं जल संरक्षण संस्थान के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी कमलेश कुमार ने बतायाकि स्टेशन क्षेत्र का न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस रहा।