scriptजब कोटा-बीना रेलवे लाइन के तारों से होने लगे एक के बाद एक फॉल्ट | When the Kota-Bina railway line started getting wired one by one fault | Patrika News
कोटा

जब कोटा-बीना रेलवे लाइन के तारों से होने लगे एक के बाद एक फॉल्ट

पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल की घटना, ओएचई के रखरखाव के समय टला हादसा

कोटाMay 20, 2020 / 12:03 am

mukesh gour

जब कोटा-बीना रेलवे लाइन के तारों से होने लगे एक के बाद एक फॉल्ट

जब कोटा-बीना रेलवे लाइन के तारों से होने लगे एक के बाद एक फॉल्ट

कोटा/छबड़ा. पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा-रुठियाई रेलखंड में सोमवार को बड़ा हादसा टल गया। यह रेलखंड भोपाल मंडल के अंतर्गत आता है। देर शाम तक रेलवे के अधिकारी पूरे मामले को नकारते रहे, बाद में डीआरएम कोटा पंकज शर्मा ने पूरे मामले की जांच की बात कही।
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जानकारी के अनुसार रुठियाई रेलवे स्टेशन के पहले बिजली पोल नंबर 163 पर 25 हजार केवी का ओएचई फेलियर हो गया। इसके बाद सीनियर सेक्शन इंजीनियर टीआरडी छबड़ा गुगोर के नेतृत्व में मेंटीनेंस व टावर वैगन द्वारा मेंटीनेंस किया जा रहा था। कार्य करने से पहले सीनियर सेक्शन इंजीनियर द्वारा टीपीसी कोटा एवं टीपीसी भोपाल से पावर ब्लॉक लिया गया। डीपीसी कोटा द्वारा तो पावर ब्लॉक दे दिया गया, लेकिन टीपीसी भोपाल द्वारा फील्ड सप्लाई चालू रखी। इससे 163 नंबर के पोल पर काम कर रहे कर्मचारी द्वारा अर्थ राड लगाने के दौरान केबल साइड कर ऊपर कैंटीलेटर चेक किया तो अचानक तेज आवाज से फाल्ट होने लगे। तत्काल कार्मिक सतर्क हो गए और हादसा टल गया। यदि रेलवे कर्मचारी कैंटीलेटर को बिना चेक लिए पोल पर चढ़ जाते तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
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पूरे मामले के सामने आने के बाद देर शाम तक रेलवे के कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा मामले से अनभिज्ञता जताई गई, लेकिन रेलवे के ही कुछ कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर पूरा मामला बताया। जिसके बाद रेलवे कर्मचारियों व अधिकारियों में हड़कंप मच गया। कोटा मंडल के डीआरएम पंकज शर्मा ने बताया कि रख रखाव के दौरान इस तरह की घटना की जानकारी मिली है। जांच होने के बाद पता चलेगा क्यों ऐसा हुआ।
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इस मामले में भोपाल डिवीजन की कोई भूमिका नहीं है, कोटा डिवीजन अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रहा है। यदि भोपाल डिवीजन की भूमिका होती तो हमारे पास कोटा डिवीजन से कॉल आता या बात की जाती। मैंने कोटा डिवीजन से बात की है, उन्होंने इस मामले में भोपाल डिवीजन की किसी भी भूमिका से मना किया है, वहां इस मामले की जांच की जा रही है।
उदय बोरवणकर, डीआरएम, भोपाल डिवीजन

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