Sanjeevani became poison for investors Five crore rupees of stuck संजीवनी के्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी में कई एजेन्ट व कर्मचारी ऐसे है जिन्होंने किसी ने 50 लाख तो किसी 70 लाख रुपए का निवेश कर रखा है। एक एजेन्ट ने एक करोड़ रुपए का निवेश कर रखा है। हालांकि एजेन्टों व कर्मचारियों की ओर से की गई निवेश पूंजी ऐसे जरूरतमंद लोगों की जिन्होंने अल्प समय में ही दुगुना या ज्यादा रुपए होने के लालच में निवेश किया है। जिन लोगों ने एजेन्ट के द्वारा निवेश किया है वो लोग अब एजेन्ट के चक्कर लगा रहे है। एजेन्टों के साथ अब हाथापाई या कहासुनी तक की नौबत आने लगी है।
Sanjeevani became poison for investors Five crore rupees of stuck इस सम्बध में राजेश सैनी, गिरीराज गुर्जर, जसवन्त सिंह, श्रवण कुमार, भंवरलाल कुमावत, रामेश्वरलाल, मुकेश कुमार, महेन्द्रसिंह, शक्तिसिंह, मुकेश सैनी सहित संस्था के एजेन्ट व कर्मचारियों ने उपखण्ड अधिकारी बाबूलाल जाट व तहसीलदार दयाराम रूयल को ज्ञापन सौंपकर एजेन्टों की सुरक्षा करवाने व आमजन का फंसा धन निकलवाने की मांग की है। एजेन्टों ने ज्ञापन में लिखा है कि संजीवनी के्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड बाड़मेर रजिस्ट्रार में पंजिकृत है। तथा उत्तरोतर प्रगति करने पर सोसायटी को ‘अ’ श्रेणी का प्रमाण पत्र व ‘आईएसओ’ पत्र भी मिला है। सहकारिता विभाग के नियमों के अनुसार ही संस्थान ने लेनदेन का कार्य किया था। एजेन्टों ने कहा कि जून के प्रथम सप्ताह में सरकारी जांच के नाम पर कार्य बाधित हुआ। जिसके कारण जून प्रथम सप्ताह से जनता का जमा धन इन संस्थाओं द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है। तीन माह से अधिक समय हो गया है एवं परिपक्वता राशि बढ़ती ही जा रही है। जिससे कई गरीब मजदूरी कर पैसा जमा किए वो अब पैसा नहीं मिलने से असहाय हो गए है। एजेन्टों ने बताया कि कई विधवाएं, सेवानिवृत जिनका घर संस्थाओं में जमाधन के ब्याज से चलता है उनके घर में अब खाने के भी लाले पड़ रहे है। जिसके बाद अब आमजन एजेन्टों व कर्मचारियों को पडताडित कर रहे है। एजेन्टों ने कहा कि आमजन को जमा धन नहीं मिलने पर अब एजेन्ट असुरक्षित महसुस कर रहे है।