जानकारी के मुताबिक, आपदा राहत कोष के बारे में शासन से मांगी गई एक रिपोर्ट को तैयार करने के दौरान गड़बडी की बात सामने आने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई। लगभग 19 लाख व 12 लाख रुपये के भुगतान को एडीएम ने रोकवा दिया और जांच शुरू कर दिया। एडीएम वित्त और एसडीएम पडरौना कलेक्ट्रेट के मातहतों के साथ शाम 5 बजे स्टेट बैंक की मुख्य शाखा पर जब पहुँचे तो किसी को इस घोटाले की भनक नहीं थी। लेकिन कुछ ही देर बाद जब लीड बैंक सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया , एचडीएफसी , बन्धन बैंक के स्टॉफ के साथ साथ जब जिले के एडिशनल एसपी बैंक पहुँचे तो खबर मीडिया के गलियारों तक पहुंच गयी।
मीडिया के पहुंचने के बाद स्टेट बैंक के प्रबन्धक ने सभी को बाहर करने की कोशिश भी की लेकिन विरोध होने के बाद सभी मुख्य प्रबन्धक के बन्द कमरे में हो रही जांच में व्यस्त हो गए। सूत्रों की माने तो आपदा राहत कोष के एक अस्थायी क्लर्क सुबोध मिश्रा ने लगभभग 33 लाख रुपये के तीन चेक पर अधिकारियों का हस्ताक्षर करा बैंकों में भुगतान के लिए भेजा था। साथ ही दो लाख रुपये का भुगतान भी करा लिया था। इस बीच शासन द्वारा मांगी गई रिपोर्ट ने मामले की सारी कलई खोल दी। पडरौना कोतवाली की पुलिस ने सुबोध को गिरफ्तार कर लिया है। ऐसा माना जा रहा है कि इस खेल में कई और लोग भी शामिल हैं।
एडीएम कृष्णलाल तिवारी ने बताया हैं कि मात्र दो लाख का ही भुगतान हो सका है। बाकी के चेक छानबीन के क्रम में रुक गए हैं। जाँच और एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए गए हैं। जो भी इसमे संलिप्त होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।