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वाराणसी

नए साल पर देश और दुनिया को संदेश देने उतरी 20 युवाओं की टोली, आप भी हो जाएंगे इनके काम के फैन

कुशीनगर में ग्रामीण युवकों ने लिया संकल्प, नए साल पर शुरू की धरती पर हरियाली लाने की मुहिम।

वाराणसीJan 03, 2018 / 04:25 pm

रफतउद्दीन फरीद

Inspirational Story

प्रेरणास्रोत

एके मल्ल

कुशीनगर. भारत के महानगरों से निकलकर अब प्रदूषण का असर छोटे शहरों और गांवों में जिस तेजी से पांव पसार रहा है वह आने वाले समय में भयावाह स्थिति का संकेत है। दुनिया भर की तरह देश में भी इसकी रोकथाम के लिये कोशिशें की जा रही हैं पर वह अब तक नाकाफी इसलिये साबित हुई हैं क्योंकि इसमें आम लोगों की भागीदारी न के बराबर है। हालांकि इस खतरे से सभी अनजान हैं या आंखें मूदे हुए हैं यह पूरा सच नहीं। इसका जीता जागता सबूत हैं कुशीनगर जिले की कप्तानगंज तहसील अन्तर्गत खैराव व पास के गांव में रहने वाले 20 युवा। उन्होंने इस खतरे से लड़ने के लिये कमर कस ली है। इसकी शुरुआत उन्होंने 2018 के पहले दिन ही कर दी। देश भर में खासकर युवा पहली जनवरी को मौज मस्ती में डूबे रहे वहीं इन 20 युवकों ने ये सब छोड़कर दिन भर जगह-जगह पौधे रोपे।

खांटी गवंई परिवेश में पले-बढे छात्रों ने नये साल 2018 का जिस अनूठे अंदाज में स्वागत किया वह मिसाल बनने के साथ-साथ अनुकरणीय भी है। अपने हम उम्र युवाओं की तरह नये साल के स्वागत में पटाखे फोड़ने व मोबाइल पर शुभकामना संदेश भेजने की बजाय पौधे लगाने की उनकी सोच दर्शाती है कि उनके सपने क्या हैं। उन लोगों ने खैरटवा गांव में करीब 100 पौधे अपने जेब खर्च को मिलाकर रोपे। छात्रों का कहना है कि नए साल के पहले दिन पौधे लगाने के अभियान की शुरूआत कर दी गयी है और अब यह सालों-साल इसी तरह चलता रहेगा।
 

सनद रहे कि नववर्ष के स्वागत की खुमार में अधिकतर युवा रात भर डीजे पर थिरकने, फटाखे फोड़ने के साथ किसी पिकनिक स्पॉट पर मौज-मस्ती करने और मोबाइल से संदेश भेजने में वर्ष का पहला दिन गवां देते हैं। हम उम्र वालों की इस प्रवृति के उलट खैरटवा व उसके आसपास के गांवों के गौरव सिंह, मुकेश यादव, इलियास अंसारी, शुभम् पांडेय, सूरज शर्मा, अरविंद कुमार, चंदन सिंह सहित 15-20 छात्रों नये वर्ष का स्वागत करने, देश व समाज के लोगों को शुभकामना देने के लिए पौध रोपण करने का मन बना लिया।
10 से लेकर बीए तक की कक्षाओं में पढने वाले इन छात्रों का कहना है कि पटाखे फोड़कर लोग नववर्ष का स्वागत नहीं करते है बल्कि नए साल को प्रदुषण का सौगात देते है। धरा पर अधिक पेड़ रहने हमें प्रदुषण से राहत मिलेगी और हमें शुद्ध हवा मिलेगी.यही नहीं धरती पर हरियाली भी रहेगी जिससे तमाम तरह के फायदे होंगे। अपने प्लान के बारे में छात्र बताते हैं कि वर्ष 2018 के पहले दिन शुरू हुए पौधरोपण के कार्यक्रम को अभियान का रूप देने की कोशिश की जाएगी।
आज से हम सभी युवा साथी अपने शुभचिंतकों से एक पौधा दान में मांगेगे और एक पौधा लगाने के लिए प्रेरित करेंगे। पौधरोपण का काम हमेशा चलता रहेगा। यह युवा अपने नन्हें से प्रयास को व्यापक बनाने की बात भी यह छात्र कर रहे हैं। इनका कहना है कि सोशल मीडिया व अन्य संसाधनों से प्रचार कर जिले के अन्य गांवों के युवाओं को जोड़ा जाएगा। कुल मिलाकर नववर्ष का स्वागत करने व लोगों शुभकामना देने के लिए छात्रों ने जो तरीका अपनाया है वह दूसरे युवाओं के लिए अनुकरणीय व प्रेरणादायक है।

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