डेढ़ साल पहले कंपनी ने शुरू किया अपना बिजनेस जिले में करीब डेढ़ साल पहले एसबीजी ग्लेबल इंवेस्ट कंपनी के एजेंट गांवों में पहुंचे। लोगों को बताया कि दुबई की यह कंपनी है और डालर की खरीद-बिक्री में रुपये लगाने पर एक साल में तीन गुनी रकम मिलेगी। धीरे-धीरे 50 से अधिक गांवों में कंपनी ने अपना नेटवर्क फैला लिया। आजमगढ के रहने वाले कंपनी के सीईओ गांवों में लोगों को प्रेरित करते थे। इसमें कई कर्मचारी और सफेदपोश भी रुपये लगा रखे हैं।
एप से होती डॉलर की खरीद, बिक्री कंपनी में अधिक रुपये इंवेस्ट करने वालों के मोबाइल में एजेंट एक एप डाउनलोड करते थे। इसी एप से डालर की खरीद-बिक्री होती थी। करीब एक माह पहले यह एप काम करना बंद कर दिया। इसको लेकर कंपनी से जुड़े लोगों में खलबली मच गई। लेकिन, कंपनी के एजेंट और सीईओ ने नेटवर्किंग दिक्कत बताते रहे। बीस दिन से कंपनी के सीईओ और एजेंट मोबाइल बंद कर फरार हो गए हैं।
करीब ढाई करोड़ से अधिक रुपये लेकर कंपनी रफू-चक्कर हुई है। ठगी के शिकार हुए इमरान अंसारी, विजय यादव, उमाशंकर, विनोद गौतम, ऋषिकेश, रमेश, अशोक, शत्रुघ्न, अभिषेक, त्रियुगी, घनश्याम, रामनगीना आदि ने बताया कि कंपनी में काफी रुपये लगाया था। सबके रुपये डूब गए हैं।
कंपनी के एजेंटों ने एक डालर पर 89 रुपये के हिसाब से रुपये लगवाया था। शुरुआत में डालर के हिसाब से सभी को रुपये मिलते रहे। खड्डा सीओ उमेश चंद भट्टी ने बताया कि ऐसी शिकायतें सुनने को मिल रही हैं। लिखित रूप से शिकायत मिलने पर मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।