पुलिस के मुताबिक शिवाशीष ने परिवार रजिस्टर में नाम सही कराने के बदले ग्राम मदुरा निवासी शिवकुमार मौर्य से एक लाख रुपये की मांग की थी। बाद में 50 हजार रुपये पर बात तय हो गई। शिवकुमार ने एंटी करप्शन के अधिकारियों से इसकी शिकायत की। टीम के सदस्यों ने जांच की तो मामला सही पाया गया। इसके बाद टीम ने जाल बिछाकर शिवकुमार को रुपये लेकर भेजा। दोपहर में वह रुपये लेकर एडीओ पंचायत के पास गया तो टीम के सदस्यों ने रंगे हाथों दबोच लिया।
ईसानगर में संपत्ति सहायक विकास अधिकारी के पद पर तैनात एडीओ शिवाशीष शरण श्रीवास्तव को खमरिया के ग्राम मदुरा निवासी शिवकुमार मौर्य ने परिवार रजिस्टर में नाम सही कराने की अर्जी दी थी। अर्जी मिलने के बाद एडीओ ने इसके बदले एक लाख रुपये की डिमांड की थी। घूस की रकम अधिक होने के चलते शिवकुमार मौर्य ने असहमति जताई तो एडीओ मामले में हीलाहवाली करने लगे। काम न बनता देख शिवकुमार ने एडीओ पंचायत से वार्ता करते हुए मामला 50 हजार रुपये में तय कर लिया था।
घूस मांगे जाने से नाराज शिवकुमार ने एंटी करप्शन से इसकी शिकायत की। एंटी करप्शन टीम के प्रभारी नुरुल हुदा खां ने बताया कि कुछ दिन पूर्व इस मामले की शिकायत मिली थी। इसके बाद बृहस्पतिवार को सुबह रणनीति के तहत टीम में इंस्पेक्टर टीपी वर्मा, उदय राज, सुशील कुमार, एसआई ज्ञान प्रताप और शिवकुमार आदि के साथ लखीमपुर के पटेल नगर पहुंचे, जहां पर गाड़ी के अंदर रिश्वत लेते हुए एडीओ को गिरफ्तार कर लिया।