बताते चलें कि पलिया के रहने वाले एक युवक ने पलिया तहसील में तैनात एक कानूनगो रामपाल पर उससे साहूकारी प्रमाण पत्र में रिपोर्ट लगवाने के नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। वीडियो जारी होने के बाद कानूनगो की हकीकत सामने आई। पीड़ित फैजुल कॉलोनी निवासी रामस्वरूप ने बताया कि उसने साहूकारी का लाइसेंस अप्लाई किया था।
जिसमें फाइल एडीएम के वहा से पलिया में लेखपाल के पास आई। लेखपाल की रिपोर्ट लगने के बाद फाइल कानूनगो रामपाल के पास दो माह पहले पहुंची थी। तब से कानूनगो रामपाल द्वारा रिपोर्ट लगाने के नाम पर 500 रुपये की रिश्वत मांग रहे थे। पैसे न देने पर यह भी कहा कि बिना पैसे के होना कुछ नहीं है। पैसे तो देना ही पड़ेगा। इस पर पीड़ित रामस्वरूप थक हार कर शुक्रवार को कानूनगो के पास पहुंचा और उसे 500 रुपये दिया। इसी बीच किसी ने राम स्वरूप के द्वारा कानूनगो रामपाल को दी जा रही 500 कि रिश्वत का वीडियो बना लिया। वहीं वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
साथ ही तहसील में ही तैनात कई लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि ये पलिया तहसील में 17 वर्षों से तैनात है। साथ ही इसके पास अकूत सम्पति होने का भी दावा किया। फिलहाल देखना है। कि प्रशासन इस घटना को कितनी गंभीरता से लेता है। वही पूरे मामले में एसडीएम पलिया इन्द्रकांत द्विवेदी ने कहा कि मामला मेरी संघन में है। अगर कोई लिखित में शिकायत आती हैं। तो दोषी के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी।