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सीएमओ ने बताई ये जरूरी बातें
शिक्षण के प्रारंभ में एसीएमओ डॉक्टर रविंद्र शर्मा ने इमरजेंसी केयर परिभाषा तथा दूसरे तीन मूल घटक, जीवन को संरक्षित करना, दुर्घटनाग्रस्त अथवा पीड़ित व्यक्ति की रिकवरी में मदद करना व उसको जल्द से जल्द निकटतम अस्पताल तक पहुंचाना आदि पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्राथमिकता पर इस तरह दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सांस के रास्ते को खोलकर सांस लेने में व दिल की धड़कन की जानकारी लेते हुए सीपीआर की मदद से व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।
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गोल्डन आवर की महत्वता में बारे में दी गई जानकारी
इसके बाद रेड क्रॉस सोसाइटी की आरती श्रीवास्तव ने बताया कि दुर्घटना के तुरंत बाद कैसे कैजुअल्टी को देखकर धड़कन की आवाज सुनकर प्रतिक्रियाओं को अनुभव करके शरीर से आगे वाली गंध को देखकर शारीरिक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने दुर्घटना के बाद के पहले आधे घंटे यानी गोल्डन आवर की महत्वता पर डिमान्सट्रेट करके दिखाया। साथ ही उपलब्ध संसाधन से अस्थाई स्ट्रेचर का निर्माण करके दिखाया।