जहां एक ओर सरकार ने हर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा और उसको पूरा भी किया, परंतु जिम्मेदार अपनी मनमानी से बाज आते नहीं दिख रहे। चाहें वह अघोषित बिजली कटौती हो या फिर कुछ और ही, जब जिम्मेदार अपनी नींद चैन से पूरी कर रहे होते हैं तब उपभोक्ता अंधेरे व गर्मी में जागकर रात काटने को विवश होते हैं।
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इसी को कहते हैं अधिकारी मस्त-जनता त्रस्त
जिले के तिकुनिया के टायर चैराहे पर लगा 100 केवीए का ट्रांसफार्मर क्षमता से अधिक लोड होने के कारण अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यह ट्रांसफार्मर या तो हर हफ्ते फुक जाता है या फिर प्रतिदिन इसके जंफर उड़ जाते है। ऐसी स्थिति में बिजली होने के बावजूद भी उपभोक्ता गर्मी व अंधेरे में रहकर जागकर रात काटने को विवश हैं। इस ट्रांसफार्मर पर 250 से भी अधिक कनेक्शनों का लोड है जबकि इसकी क्षमता मात्र 100 कनेक्शनों की होती है। ट्रांसफार्मर फुकने से जहां विभाग को काफी आर्थिक क्षति होती है वहीं उपभोक्ताओं को भी अत्यंत परेशानी का सामना करना पड़ता है परंतु जिम्मेदारों के कान पर जूं तक नही रेंगती।
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जेई विकास सिंह द्वारा कई बार इस ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि हेतु मांग पत्र विभाग को भेजा जा चुका है परंतु विभाग अपनी मनमानी के आगे जनता की समस्या सुनने व समझने को तैयार ही नहीं है और न ही उस मांग पत्र पर किसी तरह की कोई कार्रवाई करने को तैयार है। इसी कायशैली से विभाग की उदासीनता का पता चलता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या बिजली विभाग अपनी इसी कार्यशैली से सरकार के मंसूबों को पूरा करेगा। विभाग की इसी कार्यशैली से जनता के प्रति विभाग की संवेदनहीनता का पता चलता है जो कि अपने आप में काफी विचारणीय है