मधुमिता हत्या केस में 22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में है सुनवाई दरअसल, 9 मई 2003 लखनऊ में कवयित्री मधुमिता शुक्ला की घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी। यह हत्या मायावती सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि ने करवाई थी। 20 साल बाद 24 अगस्त 2023 को अमरमणि और मधुमणि त्रिपाठी सजा काटने के बाद जेल से रिहा हो गए। दोनों की सजा का ज्यादातर वक्त गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के प्राइवेट वार्ड में बीता था। इसके खिलाफ ही निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसमें 22 मार्च को सुनवाई है। लेकिन इससे पहले ही निधि पर हमला हो गया।
20 मार्च से पहले जब्त होनी है अमरमणि की संपत्ति इस बीच, बस्ती की MP/MLA कोर्ट में व्यापारी के बेटे राहुल मद्धेशिया किडनैपिंग केस में भी सुनवाई चल रही थी। अमरमणि जब जेल से बाहर आया तो 22 साल पुराने मामले ने तूल पकड़ लिया। क्योंकि, वह लंबे समय से बीमारी का बहाना कर कभी कोर्ट में हाजिर ही नहीं हुआ था। अमरमणि के खिलाफ 24 अक्टूबर 2011 से गैर जमानती वारंट जारी है। पहले तो कोर्ट ने उसकी मेडिकल रिपोर्ट तलब की।
लेकिन, जब कोर्ट को यह पता चला कि अमरमणि को कोई गंभीर नहीं बल्कि मामूली बीमारी है तो फिर कोर्ट ने 3 नवंबर 2023 को मामले की सुनवाई करते हुए उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। बस्ती कोतवाली पुलिस को CRPC-82 की कार्रवाई करने यानी कि अमरमणि के घर पर कुर्की नोटिस चस्पा करने का आदेश दे दिया।
बेटे अमन मणि ने ज्वाइन किया है कांग्रेस अभी 2 दिन पहले अमरमणि के बेटे और महराजगंज की नौतनवा सीट से पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने कांग्रेस जॉइन की। शनिवार को नई दिल्ली में कांग्रेस महासचिव और यूपी के प्रभारी अविनाश पांडेय ने अमरमणि को पार्टी की सदस्यता दिलाई। उन्होंने अपने सोशल मीडिया X पर लिखा, “नौतनवा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की न्याय की लड़ाई में भरोसा जताते हुए कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।