scriptNavratri 2017: तीसरे दिन हुई देवी चंद्रघंटा की पूजा | Navratri Hindi news 2017 | Patrika News
लखीमपुर खेरी

Navratri 2017: तीसरे दिन हुई देवी चंद्रघंटा की पूजा

नवरात्रि का तीसरा दिन देवी चंद्रघंटा के नाम रहा।घंटा ध्वनि से असुरों का संहार करने वाली यह देवी भक्तों का कल्याण करने वाली है।

लखीमपुर खेरीSep 23, 2017 / 10:30 pm

shatrughan gupta

 Navratri 2017

Navratri 2017

लखीमपुर खीरी. नवरात्रि का तीसरा दिन देवी चंद्रघंटा के नाम रहा। घंटा ध्वनि से असुरों का संहार करने वाली यह देवी भक्तों का कल्याण करने वाली है। देवी चंद्रघंटा के पूजन के लिए मंदिरों में सुबह से शाम तक लंबी कतारें दिखाई दीं।प्रसाद की दुकानों पर काफी भीड़ रही।मंदिरों के आसपास के बाजार भी लोगों से भरे रहे शहर के प्रमुख संकटा देवी मंदिर में घंटा ध्वनि शंख ध्वनि दूर से ही सुनाई देती रही।
यज्ञाचार्य प्रमोद दीक्षित ने बताया कि नवरात्रि के तीसरे दिन जिन देवी का ध्यान किया जाता है यह देवी चंद्रघंटा है।मस्तक पर घंटे के आकार का चंद्रमा विराजमान होने के कारण यह देवी चंद्रघंटा कहलाई हैं।
दस हाथों वाली यह देवी सिंह पर सवार राक्षसों का वध करने के लिए उद्यत रहती हैं।उन्होंने बताया कि इन देवी के द्वारा घंटे की ध्वनि मात्र से राक्षसों का संहार हो जाता है।इसलिए भक्त देवी चंद्रघंटा की आराधना करते हैं।इस मौके पर संकटा देवी मंदिर के विशाल पंडाल में अष्टभुजी प्रतिमा के सामने भक्तों ने सुबह से पूरा पाठ किया।देर शाम तक भक्तों की लंबी कतारें मंदिर में दिखाई दी।उधर शुक्रवार की शाम शहर के समाजसेवी मोहन बाजपेई ने संकटा देवी मंदिर में भक्तों को फल वितरित किए ।इसके अलावा उन्होंने साथ में दुर्गा चालीसा इत्यादि भी बांटी। देर शाम तक पूरा संकटा देवी मंदिर भक्तों से भरा रहा।
जय कारों की आवाज दूर तक सुनाई देती रही।उधर शीतला देवी मंदिर में भक्तों ने पूजा पाठ किया।पुरोहित रमेश मिश्रा व राजेश कुमार मिश्रा ने भक्तों को पूजा पाठ कराया। मंदिर के बाहर तक लगी कतारें भक्तों की आस्था व उत्साह को बयान कर रही थी। भुंइया माता मंदिर व बंकटा देवी मंदिर में भी भक्तों ने पूजा पाठ किया। नवरात्रि के दिनों में कलश स्थापना के साथ विशेष अनुष्ठान करने वाले भक्तों द्वारा इन मंदिरों में पूजा पाठ जारी है। उधर वेदमाता गायत्री शक्तिपीठ पर भी साधक नव दिवसीय अनुष्ठान कर रहे हैं। मंदिरों के अलावा भक्तों ने घरों पर भी कलश स्थापना करके नौ दिन तक व्रत जप आदि शुरू किया है जो नौ दिन तक चलेगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो