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लखीमपुर खेरी

लखीमपुर के तिकुनिया में शुरू हुई अरदास, प्रियंका भी पहुंची, नेताओं को मंच पर जगह नहीं मिली

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा के दौरान मारे गए किसानों की आत्मा की शांति के लिए अंतिम अरदास (श्रद्धांजलि सभा) कार्यक्रम जारी है। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मंगलवार को लखनऊ से पहुंची हैं। किसान नेताओं ने इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि वह राजनेताओं को अपना मंच साझा नहीं करने देंगे।

लखीमपुर खेरीOct 12, 2021 / 04:09 pm

Karishma Lalwani

लखीमपुर के तिकुनिया में शुरू हुई अरदास, प्रियंका भी पहुंची, नेताओं को मंच पर जगह नहीं मिली

लखीमपुर के तिकुनिया में शुरू हुई अरदास, प्रियंका भी पहुंची, नेताओं को मंच पर जगह नहीं मिली

लखीमपुर खीरी. लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा के दौरान मारे गए किसानों की आत्मा की शांति के लिए अंतिम अरदास (श्रद्धांजलि सभा) कार्यक्रम जारी है। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मंगलवार को लखनऊ से पहुंची हैं। किसान नेताओं ने इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि वह राजनेताओं को अपना मंच साझा नहीं करने देंगे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा किसानों की समस्या सुनती नजर आईं। प्रियंका गांधी को मंच पर जगह नहीं मिली। श्रद्घांजलि सभा के लिए करीब 30 एकड़ इलाके में इंतजाम किए गए हैं। यह कार्यक्रम स्थल घटनास्थल से एक किलोमीटर की दूरी पर है।
जयंत चौधरी को मंच पर जगह नहीं

राष्ट्रीय लोकदल के अयक्ष जयंत चौधरी तिकुनिया पहुंचे। जयंत किसानों की आत्मा की शांति के लिए अंतिम अरदास कार्यक्रम में शामिल हुए। जयंत चौधरी को भी मंच पर जगह नहीं दी गई। लखीमपुर खीरी में मंगलवार की सुबह कड़ी सुरक्षा में किसानों की अंतिम अरदास शुरू हो गई। हजारों की संख्या में किसानों का आना भी शुरू हो गया। संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित की गई इस अंतिम अरदास में मंच पर दीवान हाल सजाया गया और दिवंगत किसानों की आत्मा की शांति के लिए पाठ व प्रार्थना की गई। लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए किसानों के परिवारीजन भी इस अंतिम अरदास में मौजूद रहे।
लंगर का भी आयोजन

तिकुनिया में आयोजित इस अंतिम अरदास कार्यक्रम का संचालन संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी डा. दर्शनपाल सिंह कर रहे हैं। एक तरफ जहां किसान नेता उस घटना पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त कर रहे थे वहीं दूसरी ओर अटूट लंगर का आयोजन भी चल रहा है। मंच से किसान नेताओं ने एक बार फिर सरकार को आगाह किया कि तीन अक्टूबर को हुई घटना दुखद है और इसके सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए बिना संयुक्त मोर्चा मानने वाला नहीं है।
लखीमपुर आने वाले किसानों को जगह-जगह रोका जा रहा है। इसको लेकर किसान आक्रोशित हो रहे हैं। मंच से बार-बार अनाउंस किया जा रहा है कि प्रशासन उन्हें परेशान न करे। इस कार्यक्रम में पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के तमाम जिलों से किसान शामिल होने पहुंचे हैं।
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