बच्चों को कमरे में भेजा बुधवार सुबह करीब दस बजे उच्च प्राथमिक विद्यालय के सामने वाले खेत में बाघ दिखाई दिया। विद्यालय के शिक्षक अध्यापक राम प्रसाद उस समय बच्चों को पढ़ा रहे थे। तभी उनकी नजर अचानक बाघ पर पड़ी। बाघ को देखकर शिक्षक अचानक शोर मचाने लगे। उन्होंने बच्चों को स्कूल के कमरों में जाने को कहा और बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। बाघ आने की जानकारी होने पर वहां ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। लोगों ने बाघ की सूचना भीरा रेंजर राकेश बाबू वर्मा को दी। एहतियात के तौर पर विद्यालय को बंद कर बच्चों की छुट्टी कर दी गई। रेंजर ने बताया कि रात में एक बछड़े के शिकार की सूचना मिली थी। रात में ही मौके पर कांबिंग कराई गई थी। फिलहाल शोर मचा कर बाघ को बस्ती से दूर भगा दिया गया है। वहीं वन दरोगा पवन कुमार सिंह व वन रक्षक राजेश दीक्षित और प्रहलाद सिंह को बाघ पर नजर रखने को कहा गया है।
मास्टर जी की सूझ-बूझ से टला बड़ा हादसा बाघ निकलने के बाद मास्टर साहब ने तत्काल बाहर पढ़ रहे बच्चो को एक कमरे में बंद कर दिया और किसी तरह शोर मचा कर ग्रामीणों को बुलाया। जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।