बाघ से ग्रामीणों में दहशत इतना ही नही इसी बीट के ग्राम परसेहरा में गाय पर हमला करने वाला बाघ आज भी इसी क्षेत्र में चहल कदमी कर रहा है। जब ग्रामीणों ने बाघ को देख उसे भागने का प्रयास किया। तो उसके दहाड़ की आवाज सुन ग्रामीणों में काफी दहशत व्याप्त फैल गई। इस समय गन्ने की छिलाई चल रही है। इसलिये ग्रामीणों का खेतो पर जाना उनकी मजबूरी भी है। वहीं वनकर्मियों ने ग्रामीणों को सतर्क कराते हुए, अकेले नही बल्कि समूह में खेतों पर जाने की चेतावनी दी और रात में घरों से न निकलने की भी बात कही।
सर्दी में बाहर आ जाते हैं बाघ जिन रेजो में बाघ की चहल कदमी रहती है। उन क्षेत्रों के ग्रामीण अधिकतर खेती किसानी पर ही निर्भर रहते हैं। ऐसे में बाघ की दहशत के चलते वह अपना और अपने परिवार का जीवन यापन कैसे करेंगे। वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सर्दी आते ही बाघ जगलों से निकल कर बाहर आ जाते हैं। जहां उन्हें ताजी धूप मिल सके। इसी के साथ मानव और वन्यजीवो की घटनाये सामने आती हैं।