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ललितपुर

थाने में तैनात ड्राइवर रंगे हाथों रिश्वत लेते कैमरे में हुआ कैद, ट्रेक्टर को छोड़ने के एवज में ले रहा था रिश्वत

रिश्वत लेना और देना दोनों ही जुर्म के दायरे में आते है।

ललितपुरAug 16, 2018 / 02:24 pm

आकांक्षा सिंह

lalitpur

थाने में तैनात ड्राइवर रंगे हाथों रिश्वत लेते कैमरे में हुआ कैद, ट्रेक्टर को छोड़ने के एवज में ले रहा था रिश्वत

ललितपुर. रिश्वत लेना और देना दोनों ही जुर्म के दायरे में आते है। इसकी जानकारी आम ग्रामीण नागरिकों को शायद ना हो मगर कानून की रक्षा करने वाले पुलिस कर्मचारी इस बात से वाकिफ हैं कि रिश्वत लेना गैरकानूनी है जिसकी सजा बहुत ही गंभीर हो सकती है। इसके बावजूद पुलिस कर्मचारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे और उन्हें यह भी पता नहीं रहता कि रिश्वत लेते समय कोई उनकी फोटो खींच सकता है या वीडियो बना सकता है। इससे बेखबर होकर वह खुले आम लोगों से रिश्वत ले रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में थाना जखौरा में तैनात एक पुलिसकर्मी रजनीकांत गोस्वामी जो कि थाने में ड्राइवर के पद पर कार्यरत है रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद हो गया।


प्राप्त जानकारी के अनुसार रजनीकांत गोस्वामी थाना जखोरा में तैनात है। थाना जखौरा के अंतर्गत ग्राम घिसौली निवासी कृपाल सिंह पुत्र परसु लोधी व वीरपाल सिंह पुत्र फूलसिंह लोधी गांव के पास से ही अवैध खनन कर ट्रैक्टर में मिट्टी भरकर ला रहे थे। जिसकी सूचना पर पहुंचे रजनीकांत गोस्वामी कांस्टेबल द्वारा ट्रेक्टर पकड़ लिया गया और उसके एवज में सुविधा शुल्क के रूप में पैसों की मांग की गई। उनकी मांग को उक्त दोनों लोगों ने मिलकर पूरा किया रजनीकांत गोस्वामी को उनकी मांग के अनुसार सुविधा शुल्क दी गई। मगर रजनीकांत द्वारा पैसे लेकर गिनते समय वीडियो बना लिया गया रजनीकांत गोस्वामी बेखबर रहे और यह वीडियो जो वायरल हुआ। जैसे ही इस बात की भनक पुलिस अधीक्षक को लगी तो उन्होंने रजनीकांत गोस्वामी को निलंबित कर तत्काल पुलिस लाइन भेज दिया एवं इस मामले की जांच क्षेत्राधिकारी तालबेहट विनोद कुमार सिंह को सौंपी गई। आपको बताते चलें कि जनपद के कई थानों में एंट्री के नाम पर वाहनों के ड्राइवरों एवं संचालकों से अवैध वसूली की जाती है और पैसा लेकर अवैध परिवहन कराया जाता है । अवैध खनन के मामले में ज्यादातर पुलिस जिम्मेदार मानी जाती है क्योंकि सबसे पहले स्थानीय पुलिस को सूचना मिलती है और अवैध खनन में संलिप्त खनन कर्ताओं द्वारा पुलिस को पैसे देकर साध दिया जाता है और खनन का कारोबार धड़ल्ले से चलता रहता है।

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