हाल ही में ताजा मामला जनपद के नाराहट कस्बे का है जहां एक 65 वर्षीय किसान खुमान कुशवाहा ने सुबह आम के पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी । सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया है ।
मृतक के पुत्र का कहना है
मृतक के पुत्र रामनिवास ने बताया कि हमारे गांव में चकबन्दी प्रकिया चल रही है । जिसके चलते चकबन्दी अधिकारियों ने हमारी जमीन को बाहर निकाल दिया । यह बात उन्हें तब पता चली जब उसका आकार दस्तावेज उनके हाथ आया । जिस पर हमारे पिता ने तीन बार आपत्ति भी लगाई मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई । चकबंदी के सीओ ने अपने दलाल डब्बू रजक के द्वारा हमारे पिताजी से 20 हजार रुपयों की मांग की थी । हमारे पिता जी रुपयों का इन्तजाम नहीं कर सके और चकबन्दी सी.ओ से काफी मिन्नतें की पर उन्होंने एक नहीं सुनी और हमारे खेत जो 2162/11,12,13,मूलजोत में थे को अलग अलग 2162/33, 2162/13 2202/4 में अलग अलग रकवा में आवंटित कर हमारे पिताजी का गलत चक बना दिया। जिससे क्षुब्ध होकर उन्होंने एक बार पहले भी आत्महत्या की कोशिश की थी उस समय हम लोगों ने देख लिया था जिससे समय रहते उन्हें बचालिया गया था लेकिन उन्होंने आज आम के पेड़ पर लटक कर फासी लगा कर आत्म हत्या कर ली। पुलिस ने पंचनामा भर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है।
पहले भी चकबन्दी भ्रष्टाचार के चलते कई बार किसान कर चुके प्रदर्शन
इसके पहले भी नाराहट क्षेत्र के सैकड़ों किसान जिला मुख्यालय पर आकर चकबंदी भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं और कई बार अधिकारियों को इसके संबंध में ज्ञापन भी दे चुके हैं मगर नाराहट क्षेत्र की चकबंदी प्रक्रिया मैं कोई बदलाव नहीं आया वहां पर अधिकारियों और कर्मचारियों के भ्रष्टाचार लगातार जारी रहे किसानों से अवैध रूप से कैसे मांगी जाती रही और जो पैसे देने में असमर्थ दिखाई दिया उसकी जमीन बाहर कर दी ।